नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में रहते हुए दो मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी की निगरानी करने वाले भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी कपिल राज ने लगभग 16 वर्ष की सेवा के बाद सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया है।
अभी लगभग 15 वर्ष की सेवा शेष थी
वित्त मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक आदेश में कहा गया की राष्ट्रपति ने कपिल राज के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है जो 17 जुलाई से प्रभावी होगा। राज 2009 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं और 45 वर्ष के हैं। राज से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्होंने ‘व्यक्तिगत कारणों’ से इस्तीफा दिया है। सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष होने के चलते उनके पास अभी लगभग 15 वर्ष की सेवा शेष थी। राज ने ईडी में लगभग आठ साल तक सेवाएं दीं और हाल ही में उन्होंने एजेंसी में अपना प्रतिनियुक्ति कार्यकाल पूरा किया था। इस्तीफे से पहले वे दिल्ली में जीएसटी इंटेलिजेंस विंग में अतिरिक्त आयुक्त पद पर तैनात थे।
हेमंत सोरेन और केजरीवाल की गिरफ्तारी में अहम भूमिका
ईडी में रहते हुए उन्होंने जनवरी 2024 में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रांची में एक कथित भूखंड घोटाले के मामले में गिरफ्तारी की निगरानी की थी। झामुमो नेता सोरेन ने हिरासत से पहले राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। कपिल राज इस बैठक के दौरान मौजूद थे और उसी के तुरंत बाद उनकी टीम ने सोरेन को हिरासत में लिया। इसके कुछ महीने बाद मार्च 2024 में राज दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर ईडी की तलाशी के बाद फ्लैग स्टाफ रोड स्थित उनके निवास पहुंचे। राज ने ईडी के रांची जोन में संयुक्त निदेशक के रूप में कार्य किया था।