सन्मार्ग संवाददाता
नदिया : कल्याणी पुलिस व कल्याणी कोर्ट ने साइबर क्राइम के मामले में अपराधियों को दोषी करार देकर एक मिसाल कायम की है। अब सजा का ऐलान किया जाएगा। कल्याणी महकमा कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट के अपराध में देश में पहली बार 9 लोगों को दोषी ठहराया है और आज उन्हें कोर्ट सजा सुना सकता है। सभी दोषी दूसरे राज्यों के निवासी हैं। पुलिस ने 2 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को 9 अभियुक्तों को दोषी करार दिया। पिछले साल कल्याणी साइबर क्राइस पुलिस में कल्याणी के एक सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक से करीब 1 करोड़ रुपये की ठगी की जाने की शिकायत दर्ज करवायी गयी थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वह डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ था। अपराधियों ने उससे कदम दर कदम करोड़ रुपये की ठगी की। जांच के दौरान कल्याणी साइबर क्राइम पुलिस ने 6 नवंबर को कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोग राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात के निवासी हैं। इनमें एक महिला भी है। पुलिस ने एक महीने तक विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर इन्हें गिरफ्तार किया। इनके पास से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, बैंक पासबुक, चेकबुक, पैन कार्ड और कई दस्तावेज मद किए गए। अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि जालसाजों ने देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों करोड़ रुपये की ठगी की है। पुलिस को यह भी पता चला कि यह पैसा विदेश भेजा गया था। जांचकर्ताओं को यह भी पता चला है इस गिरोह का मुखिया कंबोडिया में है। सारी जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने 9 अभियुक्तों के खिलाफ 2 हजार पन्नों का आरोप पत्र पेश किया। बाकी चार को एक अन्य मामले में हिरासत में भेजा गया है। मुख्य मामला कल्याणी महकमा कोर्ट में दायर किया गया था। सरकारी वकील और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गुरुवार को उन्हें दोषी करार दिया। कल्याणी कोर्ट के सरकारी वकील विभाष चटर्जी और रानाघाट पुलिस जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ धपोला ने कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है जब डिजिटल अरेस्ट के अपराध में कोर्ट ने अपराधियों को दोषी करार दिया है और अब उन्हें सजा होने जा रही है।