सन्मार्ग संवाददाता
नदिया : नदिया के कल्याणी में मां की मृत्यु के बाद भी बेटी उसकी मौत को स्वीकार नहीं कर पायी। बताया गया है कि वह मां के शव के साथ ही लगभग 24 घंटे से ज्यादा घर में ही रही। दुर्गंध पाकर जब कुछ लोग वहां गये तो काफी समय बाद बेटी ने दरवाजा खोला। उन्होंने देखा कि सत्तर वर्षीया रूमा दत्ता की मौत हो चुकी थी। वहीं उसकी बेटी पियाली दत्ता (30) घर में ही शव के पास बैठी थी। वह सभी को कह रही थी कि उसकी मां की तबीयत खराब है। उन्हें काफी पसीना आ रहा है। वह बार-बार पसीना पोंछ भी रही थी। यह देख लोगों को समझ आया कि बेटी की मानसिक अवस्था ठीक नहीं है। सोमवार की रात को लोगों से खबर पाकर कल्याणी रेड वॉलेंटियर्स के सदस्य पहुंचे। जब वृद्धा का शव उन्होंने उठाने की कोशिश की तो पियाली ने उन्हें रोक दिया। रेड वॉलेंटियर्स के सदस्यों ने उसे समझाया। वे इसलिए आए थे, क्योंकि उसकी मां को इलाज की जरूरत थी लेकिन जब उन्होंने वृद्धा को उठाने की कोशिश की, तो रेड वॉलेंटियर्स के सदस्यों ने देखा कि उसके शरीर के कई हिस्से सड़ने लगे थे। उन्हें एहसास हुआ कि वह मर चुकी है। लेकिन उसकी बेटी पियाली इसे मानने को तैयार नहीं थी। पियाली ने जोर देकर कहा कि उसकी मां को अस्पताल ले जाया जाए। तुरंत एक एंबुलेंस को बुलाया गया। इस पर कल्याणी थाने की पुलिस को सूचित किया गया। कल्याणी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में वृद्धा को एंबुलेंस से स्थानीय नर्सिंग होम ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने कहा कि वृद्धा की बहुत पहले ही मौत हो चुकी है लेकिन उसकी बेटी पियाली इसे मानने को तैयार नहीं थी। वहीं वृद्धा की मृत्यु की जानकारी उसके बेटे स्वरूप दत्ता को दी गयी तो वह भी अस्पताल पहुंचा। वह अपनी मां और बहन के साथ उस घर में नहीं रहता था। वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कोलकाता में रहता है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि पियाली सदमे में है। उसे काउंसिलिंग की जरूरत है।