चीन के मामले में संसद में चर्चा जरूरी : कांग्रेस 
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चीन के मामले पर संसद में चर्चा कराये और जवाब दे सरकार : कांग्रेस

‘जब 1962 के युद्ध के समय संसद में खुली चर्चा हो सकती है तो फिर आज क्यों नहीं हो सकती?’

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने विदेशमंत्री एस जयशंकर के चीन के दौरे का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार को इस पड़ोसी देश तथा दूसरी सुरक्षा चुनौतियों पर 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में चर्चा करानी चाहिए तथा सवालों के जवाब देने चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि जब 1962 के युद्ध के समय संसद में खुली चर्चा हो सकती है तो फिर आज क्यों नहीं हो सकती।

जयशंकर के चीन दौरे के मद्देनजर संसद में चर्चा की मांग दोहरायी

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने विदेशमंत्री एस जयशंकर के चीन दौरे की पृष्ठभूमि में संसद में चर्चा की मांग दोहरायी। जयशंकर ने गत सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ वार्ता के दौरान कहा था कि भारत और चीन को तनाव कम करने सहित सीमा संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने में ‘अच्छी प्रगति’ पर काम करना चाहिए और ‘प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों एवं बाधाओं’ से बचना आवश्यक है। रमेश ने कहा कि चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग के साथ अपनी बैठक में जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध पिछले साल अक्टूबर में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार सुधर रहे हैं।

चीन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पा की मदद की

उन्होंने कहा कि शायद विदेशमंत्री को याद दिलाना जरूरी है कि मोदी की जिनपिंग से हुई पिछली मुलाकात के बाद भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में क्या-क्या घटनाक्रम हुए हैं। रमेश ने दावा किया कि चीन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को पूरा समर्थन दिया तथा पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन को नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली और जे-10सी लड़ाकू विमान, पीएल-15ई एयर-टू-एयर मिसाइल और ड्रोन जैसे हथियारों के लिए टेस्टिंग ग्राउंड की तरह इस्तेमाल किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ऑपरेशन सिंदूर में तीन दुश्मनों से लड़ा-जिनमें चीन भी शामिल था, जिसने पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया करायी।

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