नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के मौके पर जारी विशेष पाठ (मॉड्यूल) में भारत के बंटवारे के लिए मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है।
एनसीईआरटी ने दो अलग-अलग पाठ प्रकाशित किये हैं। इसमें छठी कक्षा से आठवीं (मध्य चरण) के लिए और नौवीं कक्षा से 12वीं (माध्यमिक चरण) के लिए 1-1 पाठ है। इनका इस्तेमाल परियोजनाओं, पोस्टरों, चर्चाओं और वाद-विवादों में किया जाना है।
कश्मीर बनी थी नई समस्या
विभाजन के बाद कश्मीर नई समस्या के रूप में उभरा। इसने देश की विदेश नीति के लिए चुनौती पैदा कर दी। भारत का विभाजन गलत विचारों के कारण हुआ। भारतीय मुसलमानों की पार्टी मुस्लिम लीग ने 1940 में लाहौर में एक सम्मेलन आयोजित किया। इसके नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा कि हिंदू और मुसलमान दो अलग-अलग धार्मिक दर्शन, सामाजिक रीति-रिवाज और साहित्य से संबंधित हैं। अंततः 15 अगस्त, 1947 को भारत का विभाजन हुआ।
भारत विभाजन के तीन तत्व
भारत के विभाजन के लिए 3 तत्व जिम्मेदार थे- पहला जिन्ना, जिन्होंने इसकी मांग की, दूसरा कांग्रेस, जिसने इसे स्वीकार किया और तीसरा माउंटबेटन, जिन्होंने इसे लागू किया लेकिन माउंटबेटन एक बड़ी भूल के दोषी साबित हुए।
माउंटबेटन ने सत्ता हस्तांतरण की तारीख जून 1948 से घटाकर अगस्त, 1947 कर दी। इस वजह से विभाजन से पहले पूरी तैयारी नहीं हो सकी। सीमाओं के सीमांकन के लिए सर सिरिल रेडक्लिफ को केवल 5 सप्ताह दिए गए।
गुस्से में कांग्रेस पार्टी
अब इस मामले पर देश की राजनीति गरमा गयी है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि आग लगा दीजिए इस किताब को। असली हकीकत यह है कि हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग की मिलीभगत से ही देश का विभाजन हुआ। इतिहास में सबसे बड़े दोषी वे लोग माने जाते हैं, जिनका योगदान बंटवारे में रहा। इतिहास का सबसे बड़ा दुश्मन RSS है और उनके योगदान को कई पीढ़ियां भी माफ नहीं करेंगी।
बीजेपी प्रवक्ता ने दी सफाई
दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि जिन्ना और राहुल इनकी सोच एक जैसी है। धर्म के आधार पर भारत को बांटना.धर्म के आधार पर अखंड भारत को बांटा गया और उसके बाद जो जिन्ना की तुष्टिकरण वाली सोच आज राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी में दिखाई देती है।