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'यह सुपारी लेने जैसा' - कुणाल कामरा Controversy पर बोले एकनाथ शिंदे

शिंदे बोले, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी होती है सीमा

मुंबई - महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा की विवादित टिप्पणी पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बोलने की स्वतंत्रता तो है, लेकिन हर चीज की एक सीमा होनी चाहिए। शिंदे ने यह भी कहा कि किसी पर टिप्पणी करते वक्त शिष्टाचार का ध्यान रखना चाहिए, जैसे किसी के खिलाफ बोलने को सुपारी लेने जैसा नहीं होना चाहिए। वे यह भी बोले कि वे व्यंग्य समझते हैं, लेकिन यदि किसी के खिलाफ बोलते हैं तो यह जरूरी है कि यह उचित तरीके से किया जाए, क्योंकि ऐसा न करने पर प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।

क्या कहा एकनाथ शिंदे ने ?

एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह इस बात पर ध्यान नहीं देते कि लोग क्या कहते हैं, क्योंकि उनका काम ही उनके लिए बोलता है। डिप्टी सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और वे व्यंग्य को समझते हैं, लेकिन इसे एक सीमा में रहकर किया जाना चाहिए। उन्होंने इसे किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा बताया।

यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं... किसी के लिए काम करना है

स्टूडियो में शिवसैनिकों द्वारा तोड़फोड़ पर शिंदे ने कहा कि दूसरों को भी एक सीमा में रहकर व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है। उन्होंने इस पर ज्यादा कुछ कहने से मना करते हुए कहा कि वह बर्बरता को सही नहीं ठहराते। इसके अलावा, शिंदे ने कुणाल कामरा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, पत्रकार अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर भी टिप्पणी की है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं, बल्कि सोच समझकर शब्दों द्वारा हमला करने जैसा है।

मैं माफी नहीं मागूंगा: कामरा

कुणाल कामरा ने अपने बयान में कहा कि एक कॉमेडियन के शब्दों के कारण किसी आयोजन स्थल पर हमला करना उतना ही बेवकूफी भरा है, जैसे कि टमाटर से भरे ट्रक को पलट देना क्योंकि आपको परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया। उन्होंने यह भी कहा कि जो मैंने कहा, वह बिल्कुल वही था जो अजीत पवार ने एकनाथ शिंदे के बारे में कहा था। कामरा ने कहा कि वह इस भीड़ से नहीं डरते और वह अपनी चुप्पी तोड़कर इस घटना के शांत होने का इंतजार करने के बजाय खड़े रहेंगे।

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