ईरान द्वारा बुधवार सुबह दागी गयी मिसाइल यरुशलम के ऊपर से गुजरती हुई 
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ईरान ने किया जंग का ऐलान! इजराइल पर दागीं फतह मिसाइल

इजराइल ने तेहरान पर हमले तेज किये, परमाणु तथा सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, रूस ने चेताया : मध्य एशिया में ‘सैन्य हस्तक्षेप’ से बचे अमेरिका

दुबई/तेल अवीव : इजराइल के लड़ाकू विमानों ने ईरान के यूरेनियम ‘सेंट्रीफ्यूज’ और मिसाइलों के कल-पुर्जे बनाने वाले केंद्रों को निशाना बनाते हुए मंगलवार देर रात राजधानी तेहरान पर बमबारी की। वहीं बुधवार को ईरान ने इजराइल पर कई मिसाइलें दागीं और चेतावनी दी कि अमेरिका के किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से क्षेत्र में पूर्ण युद्ध छिड़ जायेगा हालांकि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने मंगलवार देर रात ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में इजराइल के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। इस बीच रूस ने भी अमेरिका को चेताया है कि वह मध्य एशियाई क्षेत्र में किसी तरह का सैन्य हस्तक्षेप करने से संयंम बरते।

तेल अवीव पर ईरानी मिसाइलों का हमला ‘नाकाम’ करती इजराइली हवाई सुरक्षा प्रणाली

इजराइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली को ‘भेदने’ का दावा

ईरानी मीडिया के अनुसार ईरान की सैन्य शाखा इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) ने कहा कि बुधवार सुबह इजराइल पर फतह मिसाइल से हमला किया गया है। यह पहली बार है जब इस जंग में फतह-1 का इस्तेमाल किया गया है। फतह मिसाइल ‘हाइपरसोनिक’ है यानी यह आवाज की गति से पांच गुना तेज उड़ती है। आईआरजीसी ने कहा कि फतह मिसाइलों ने इजराइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली को भेद दिया और बार-बार उनके सुरक्षित ठिकानों को निशाना बनाया। हालांकि इससे इजराइल को कितना नुकसान पहुंचा है, इसकी कोई सूचना नहीं है। ईरान के ताजा हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

अमेरिका का हस्तक्षेप पूर्ण युद्ध का कारण होगा

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने ‘अल जजीरा इंग्लिश’ समाचार चैनल पर प्रसारित एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि अमेरिका का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप इस क्षेत्र में पूर्ण युद्ध का कारण होगा। उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन माना जा रहा है कि पड़ोसी देशों में तैनात हजारों अमेरिकी सैनिकों को ईरान के हथियारों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है। दूसरी ओर इजराइल की सेना ने कहा है कि उसने पश्चिमी ईरान के केरमानशाह क्षेत्र में एक अड्डे पर ईरान के पांच एएच-1 हेलिकॉप्टर को नष्ट कर दिया है हालांकि ईरान ने तुरंत इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की।

ईरान की अमेरिका को कड़ी चेतावनी : आक्रामकता का कड़ा जवाब देंगे

बुधवार को संघर्ष के छठे दिन है और जिनेवा में ईरान के राजदूत अली बहरीनी ने कहा कि उनका देश इजराइल की ‘आक्रामकता’ का कड़ा जवाब देगा और अगर अमेरिकी सेना इजराइल के साथ जारी संघर्ष में शामिल होती है तो वह अमेरिका के खिलाफ भी ऐसा ही करेगा। इजराइल ने गत शुक्रवार (13 जून) को अचानक तेहरान पर बमबारी शुरू कर दी और उसके परमाणु तथा सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।

‘इजराइली हमलों से ईरान में 585 की मौत, 1300 से ज्यादा घायल’

वाशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह ने बताया कि ईरान में इजराइली हमलों में कम से कम 239 नागरिकों सहित 585 लोगों की मौत हो गयी और 1,300 से ज्यादा लोग घायल हो गये हैं। तेहरान में प्रसिद्ध ‘ग्रैंड बाजार’ सहित दुकानें बंद हैं और लोग हमलों से बचने के लिए शहर से बाहर जा रहे हैं जिससे सड़कों पर भीड़ काफी बढ़ गयी है। ईरान ने जवाबी हमलों में लगभग 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं, जिनसे इजराइल में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गयी और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। ईरान की मिसाइलों ने मध्य इजराइल में इमारतों को निशाना बनाया, जिससे भारी नुकसान हुआ और हवाई हमले के सायरन ने बार-बार इजराइलियों को शरण लेने के लिए मजबूर किया।

ट्रंप युद्ध विराम से कहीं अधिक ‘बड़ा’ चाहते हैं

सभी की निगाहें अमेरिका पर टिकी हैं, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू में खुद को इजराइली हमलों से खुद को दूर रखा था लेकिन उन्होंने अमेरिका की अधिक भागीदारी का संकेत देते हुए कहा कि वह युद्ध विराम से कहीं अधिक ‘बड़ा’ चाहते हैं। अमेरिका ने इस क्षेत्र में और अधिक युद्धक विमान भी भेजे हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में ईरान से ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने की उनकी ‘फिलहाल कोई योजना’ नहीं है। वॉइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार ट्रंप और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को फोन पर मौजूदा स्थिति के बारे में बात की।

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