नेहा, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : इंडिगो एयरलाइंस के पायलटों ने आरोप लगाया है कि पिछले हफ्ते उड़ानों में भारी देरी और कैंसिलेशन से पैदा हुई अराजकता नए सुरक्षा नियमों (FDTL) को कमजोर करने और सरकार पर दबाव बनाकर संशोधित फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को स्थगित कराने के उद्देश्य से जानबूझकर उत्पन्न की गई थी। पायलटों ने सवाल उठाया कि सिर्फ 65 कैप्टन और 59 को-पायलटों की कमी, यानी कुल 124 पायलटों के अभाव से हजारों उड़ानों का रद्द होना या घंटों तक विलंबित होना कैसे संभव है?
एक वरिष्ठ पायलट ने कहा : “इंडिगो रोज लगभग 2,200 उड़ानें संचालित करता है। इसके पास 2,357 कैप्टन और 2,194 फर्स्ट ऑफिसर हैं, कुल 4,551 पायलट। सिर्फ 124 पायलटों की कमी से अधिकतम 5-7% उड़ानें प्रभावित होनी चाहिए थीं। फिर इतना बड़ा संकट कैसे पैदा हो गया?” दो साल पहले घोषित किए गए संशोधित FDTL नियमों को वापस लेने के लिए एयरलाइन दबाव बना रही है। इससे उड़ान सुरक्षा को खतरा होगा। आरोप है कि इंडिगो ने मुनाफे को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा के साथ समझौता करने की कोशिश की है।
SOP में बदलाव के आरोप
इंडिगो के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि एयरलाइन की वर्षों से चली आ रही SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर) को अचानक बदल दिया गया, जिससे ओन-टाइम परफॉर्मेंस बिगड़ी और व्यवस्थित तरीके से देरी बढ़ने लगी। एक पायलट के मुताबिक आमतौर पर स्टैंडबाय पर पायलट होते हैं। अगर स्टैंडबाय उपलब्ध न हो, तो छुट्टी पर बैठे पायलट को 5-6 घंटे पहले कॉल किया जाता है। लेकिन अचानक ये कॉल सिर्फ 1-2 घंटे पहले आने लगे, जिससे संचालन गड़बड़ा गया। विंटर शेड्यूल में अचानक से 900 उड़ानों को पूरे देश में एयरलाइंस ने जोड़ दिया। इसके लिए कैसे और किसने अनुमति दी, वह भी बिना छानबीन किये? इसकी जांच होनी चाहिए।