मुंबई में मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस  
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भारत के बंदरगाह विकासशील देशों में सबसे कुशल : प्रधानमंत्री मोदी

*भारत का समुद्री क्षेत्र तीव्र गति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है * ‘भारत के नौवहन दृष्टिकोण’ के तहत 150 से अधिक पहल शुरू * प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है और ‘टर्नअराउंड’ समय में उल्लेखनीय कमी आई * क्रूज पर्यटन में पर्याप्त बढ़ोतरी * चालू जलमार्गों की संख्या मात्र 3 से बढ़कर 32 हुई

मुंबई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मुंबई में भारतीय समुद्री सप्ताह-2025 में ‘मैरीटाइम लीडर्स कॉनक्लेव’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र तीव्र गति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। देश के बंदरगाह अब विकासशील देशों वाले सबसे कुशल बंदरगाहों में गिने जाते हैं। मोदी ने कहा कि हमने एक सदी से भी अधिक पुराने औपनिवेशिक नौवहन अधिनियमों को 21वीं सदी के लिए अनुरूप आधुनिक और भविष्योन्मुखी कानूनों से बदल दिया है।

मोदी ने कहा कि हमारे बंदरगाह कई मायनों में विकसित देशों से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। नये जहाजरानी कानून राज्य समुद्री बोर्डों की भूमिका को मजबूत करते हैं तथा बंदरगाह प्रबंधन में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के एकीकरण को बढ़ावा देते हैं। भारत के नौवहन दृष्टिकोण’ के तहत 150 से अधिक पहल शुरू की गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप समुद्री क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। भारत के प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है और ‘टर्नअराउंड’ समय में उल्लेखनीय कमी आई है। टर्नअराउंड समय से आशय किसी परियोजना के शुरू होने से पूरा होने तक लगने वाले वाले समय से है।

बंदरगाहों के शुद्ध वार्षिक अधिशेष में 9 गुना वृद्धि : उन्होंने कहा कि क्रूज पर्यटन में पर्याप्त बढ़ोतरी हुई है तथा अंतरदेशीय जलमार्गों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, तथा माल वाहन में 700 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि चालू जलमार्गों की संख्या मात्र 3 से बढ़कर 32 हो गई है, जो एक प्रभावशाली उपलब्धि है। मोदी ने कहा कि इसके अलावा, पिछले एक दशक में हमारे बंदरगाहों के शुद्ध वार्षिक अधिशेष में 9 गुना वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्री क्षेत्र भारत के विकास को गति दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक दशक में इसमें उल्लेखनीय बदलाव आया है, जिससे व्यापार और बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिला है।

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