गुवाहाटीः कप्तान ऋषभ पंत सहित प्रमुख बल्लेबाजों के गैर जिम्मेदाराना रवैए से अपने विकेट इनाम में देने के कारण भारतीय टीम सोमवार को यहां अपनी पहली पारी में 201 रन पर सिमट गई जिससे दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में मजबूत शिकंजा कसकर सीरीज में क्लीन स्वीप करने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए।
द अफ्रीका को पहली पारी में 288 रनों की बढ़त
अपनी पहली पारी में 489 रन बनाने वाले दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 288 रन की बढ़त हासिल की। उसने भारत को फॉलोऑन देने की बजाय दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना उचित समझा। उसने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 26 रन बनाए हैं और उसकी कुल बढ़त 314 रन की हो गई है।
खराब रोशनी के कारण जब तीसरे दिन का खेल समाप्त घोषित किया गया तब एडेन मार्क्रम 12 और रयान रिकलेटन 13 रन पर खेल रहे थे।
बल्लेबाज गलत शॉट मारकर हुए आउट
भारत का स्कोर एक समय एक विकेट पर 95 रन था लेकिन इसके बाद उसने 27 रन के अंदर छह विकेट गंवा दिए। पिच से कभी कभार उछाल और थोड़ा टर्न मिल रहा है पर वह अभी भी बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है लेकिन अधिकतर भारतीय बल्लेबाजों ने गलत शॉट खेल कर अपने विकेट इनाम दिए। इनमें मुख्य रूप से साई सुदर्शन, ध्रुव जुरेल और कप्तान ऋषभ पंत शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से मार्को यानसन सबसे सफल गेंदबाज रहे। दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में 93 रन बनाने वाले इस तेज गेंदबाज ने 48 रन देकर छह विकेट लिए। उन्होंने अपने लंबे कद का अच्छा फायदा उठाकर भारतीय बल्लेबाजों को अपनी शॉर्ट पिच गेंदों से निशाना बनाया। ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर (64 रन देकर तीन विकेट) ने उनका अच्छा साथ दिया। मार्क्रम ने पांच कैच लेकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वाशिंगटन और कुलदीप ने बचायी लाज
भारतीय और बल्लेबाजों को अपने निचले क्रम के बल्लेबाज वाशिंगटन सुंदर (92 गेंद पर 48 रन) और कुलदीप यादव (134 गेंद पर 19 रन) से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने सात विकेट 122 रन पर गिरने के बाद आठवें विकेट के लिए 72 रन जोड़े। उनकी साझेदारी टूटने के बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी। यशस्वी जायसवाल (97 गेंदों में 58 रन) ने स्ट्रोक्स से भरपूर अर्धशतक जड़ा, लेकिन हार्मर की एक गेंद ने अचानक उछाल लिया जिस पर वह गच्चा खा गए और यानसन को कैच दे बैठे। केएल राहुल (22) आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। वह भी जायसवाल के साथ 65 रन की साझेदारी के दौरान अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन केशव महाराज और हार्मर की दो गेंद ऐसी थी जिसने सुबह के सत्र का रुख पूरी तरह बदल दिया।
जायसवाल ने खोले थे हाथ
पिच में ज्यादा खामियां नहीं थीं और जायसवाल के आकर्षक स्ट्रोक-प्ले ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने हार्मर की गेंद को बार-बार लेंथ से स्वीप किया और महाराज की गेंद पर काउ कॉर्नर के ऊपर से छक्का भी जड़ा। यहां तक कि राहुल भी दूसरे छोर पर सहजता से रन बटोर रहे थे लेकिन महाराज की टर्न लेती एक गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर पहली स्लिप में मार्क्रम के हाथों में चली गई। सुदर्शन (15) की स्पिनरों के खिलाफ बैकफुट पर जाने और इस प्रक्रिया में विफल होने की कमजोरी फिर से खुलकर सामने आ गई। जैसा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में हुआ था, एक बार फिर वह हार्मर की गेंद को पुल करने के लिए बैकफुट पर चले गए लेकिन सही तरह से शॉट लगा पाए और रयान रिकलेटन ने मिडविकेट पर डाइव लगाकर कैच लपक दिया।
पंत, जडेजा व रेड्डी ने किया निराश
जुरेल (00) को चायकाल से ठीक पहले यानसन की गेंद पर पुल करने की जरूरत नहीं थी। गेंद उम्मीद के मुताबिक गति से नहीं आई और गलत टाइमिंग से किए गए पुल को महाराज ने कैच में बदल दिया। पंत (07) का आउट होना सबसे निराशाजनक रहा क्योंकि टीम जब मुश्किल में थी तब उन्होंने आक्रामक रवैया अपनाया। उन्होंने यानसन की उठती गेंद पर बेवजह शॉट लगाने के प्रयास में विकेटकीपर को कैच दिया। इसके बाद यानसन ने दोनों ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा (06) और नीतीश कुमार रेड्डी (10) को भी अपनी शॉर्ट पिच गेंदों पर पेवेलियन की राह दिखाई। दक्षिण अफ्रीका आने कोलकाता में खेला गया पहला टेस्ट मैच 30 रन से जीता था।
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