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भारत ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका , जाने क्या है मामला

अब नहीं कर पायेगा भारत के रास्ते से भूटान, नेपाल और म्यांमार को निर्यात!

नई दिल्ली : शेख हसीना वाजेद के भारत में ‘पनाह’ लेने के बाद से आयी नई दिल्ली और ढाका के संबंधों में आयी खटास उस वक्त और बढ़ गयी जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की चीन दौरे के दौरान की गयी टिप्पणी से ‘खफा’ भारत ने बांग्लादेश को दी गयी पारगमन व्यापार (ट्रांशिपमेंट) की सुविधा खत्म कर। इस पाबंदी से बांग्लादेश का भूटान, नेपाल और म्यांमार के साथ व्यापार प्रभावित होना तय है।

भारत को नगवार लगी यूनुस की टिप्पणी

गौरतलब है कि यूनुस ने पिछले महीने चीन का दौरा किया था। वहां उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य जमीन से घिरे (लैंड लॉक्ड) हैं और समुद्र तक उनकी पहुंच का एकमात्र रास्ता बांग्लादेश है। यूनुस ने साथ ही चीन को बांग्लादेश की स्थिति का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया था। यूनुस का यह बयान भारत को नगवार लगना ही था और इसकी परिणति बांग्लादेश को दी गयी पारगमन व्यापार की सुविधा समाप्त किये जाने से हुई।

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें बोर्ड ने 29 जून, 2020 के अपने पुराने आदेश को रद्द कर दिया है। उसमें बांग्लादेश से आने वाले सामान को भारत के रास्ते दूसरे देशों में भेजने की अनुमति दी गयी थी। यह सामान जमीन के रास्ते भारतीय बंदरगाहों और हवाईअड्डों तक पहुंचता था। इसका मकसद यह था कि बांग्लादेश आसानी से भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को सामान भेज सके।

भूटान, नेपाल विदेश व्यापार के लिए भारतीय रास्तों पर निर्भर

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) का कहना है कि नये आदेश के बाद यह सुविधा तुरंत बंद कर दी गयी है लेकिन जो सामान पहले से ही भारत में आ चुका है, उसे पुराने नियमों के अनुसार बाहर जाने दिया जायेगा। जीटीआरआई के प्रमुख अजय श्रीवास्तव के अनुसार भारत हमेशा से बांग्लादेश की मदद करता रहा है। भारत ने बांग्लादेश के शराब और सिगरेट को छोड़कर बाकी सभी सामान को अपने बाजार में बिना किसी शुल्क के आने की अनुमति दी है। यह सुविधा पिछले 20 साल से दी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इस सुविधा के बंद होने से बांग्लादेश के निर्यात और आयात पर असर पड़ेगा। खासकर भूटान, नेपाल और म्यांमार के साथ व्यापार में दिक्कत आयेगी। ये देश तीसरे देशों के साथ व्यापार के लिए भारतीय रास्तों पर निर्भर हैं। पहले भारत से होकर जाने वाला रास्ता आसान था। इससे समय और पैसा दोनों बचता था। नेपाल और भूटान दोनों ही जमीन से घिरे हुए देश हैं। वे बांग्लादेश के साथ व्यापार के लिए भारत के रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।

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