कोलकाता: भारत और बांग्लादेश के बीच संयुक्त मछुआरा प्रत्यावर्तन प्रक्रिया इस वर्ष दिसंबर के दूसरे सप्ताह में पूरी हो सकती है। दोनों देशों के प्रशासनिक स्तर पर तैयारी पहले ही शुरू हो गयी है। हालांकि, सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले बांग्लादेशी जेल में बंद एक भारतीय मछुआरे की मौत के मामले में नवान्न ने विस्तृत स्पष्टीकरण की मांग की है।
हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने अवैध रूप से भारतीय जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में 4 बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नौकाओं और 107 मछुआरों को गिरफ्तार किया है। तटरक्षक जहाज 'अमृत कौर' और कमलादेवी' ने 15 और 16 नवंबर को उत्तर बंगाल की खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास इन नौकाओं को मछली पकड़ते हुए देखा। उनके पास कोई वैध अनुमति नहीं थी।
सभी को कानूनी कार्रवाई के लिए फ्रेजरगंज मरीन पुलिस के सुपुर्द किया गया। वही, इस वर्ष बांग्लादेश ने चार भारतीय ट्रॉलरों को भी कब्जे में लिया, और कुल 61 भारतीय मछुआरे अब भी बांग्लादेशी जेलों में बंद हैं। इसी समूह के काकद्वीप निवासी बाबुल दास की हाल ही में जेल में मौत हो गयी।
बांग्लादेश प्रशासन ने इसे 'दिल का दौरा' बताया, लेकिन परिवार और राज्य सरकार इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं। केंद्र ने इस संबंध में विशेष ‘कौंसुलर एक्सेस’ की मांग की गयी है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अनुमान है कि बाबुल दास के मामले में स्पष्ट रिपोर्ट मिलने के बाद ही दिसंबर में मछुआरा प्रत्यावर्तन प्रक्रिया, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में संपन्न हो सकेगी।