केडी पार्थ
कोलकाता : हम लोगों ने इनकम टैक्स एक्ट को काफी सरल और आसान बनाया है जिससे आमलोगों को समझ में आ सके। एक्ट मूल रूप से वही रहेगा। यह एक्ट 1961 में लिखा गया था। इसके बेसिक में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन, समय-समय पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसले और निर्णय से एक्ट में कई बदलाव व सुधार किए गए, जिससे यह एक्ट बहुत मोटा हो गया था। उसको समझने में आम लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। जैसे एक सेक्शन था फिर उसके प्रोविजंस थे, उसके एक्सेप्शंस थे, कई तरह की चीजें थीं। इनको अब काफी आसान बना दिया गया है। यह बात आयकर के मुख्य आयुक्त (टीडीएस) मयंक प्रियदर्शी ने कही। इस मौके पर आयकर आयुक्त (टीडीएस) डॉ. रघुवीर मदनप्पा भी मौजूद थे।
एक्ट को 40 हजार से 7 हजार शब्दों में लाने का किया प्रयास
कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स के समारोह में हिस्सा लेने के बाद सन्मार्ग से हुई एक विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आम लोग यह कहने लगे थे कि इनकम टैक्स एक्ट समझना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया है। इनकम टैक्स एक्ट सबसे ज्यादा मुश्किल एक्ट बन गया है लेकिन अब हम लोगों ने इसको काफी सरल कर दिया है। हमने इसको एक सरल भाषा में लिखा है। सारे प्रोविजंस को एक टेबल बना कर चार्ट बना दिया है। एक्ट को हमने 40 हजार से 7 हजार शब्दों में लाने का प्रयास किया है। हमने एक्ट की मोटाई को पतला कर दिया है लेकिन बेसिकली जो कंटेंट थे वही है। एक्ट और लॉ में कोई चेंज नहीं किया गया है। चेंज करना पार्लियामेंट का काम है।
विभाग की प्रणाली में भी कर रहे बदलाव
उन्होंने कहा कि हम विभाग की प्रणाली में भी कई बदलाव कर रहे हैं। जैसे पहले हमारा सीपीसी था। जहां पर रिटर्न की सारी प्रोसेसिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग होती थी। अब हम सीपीसी टू बना रहे हैं। इस पर ऑलरेडी काम चल रहा है। हमारा सीपीसी टू जब आ जाएगा तो ये सारे सिस्टम्स इंटीग्रेट कर दिए जाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि टैक्स का आना देश की इकोनॉमी पर डिपेंड करता है। अगर इकोनॉमी में सुधार होगा और बिजनेस एनवायरनन्मेंट इंप्रूव होगा तो उस हिसाब से टैक्स में भी इंप्रूवमेंट होगा। एक्ट के सिंपलीफिकेशन से यह फायदा जरूर होगा कि लोग उसका अनुपालन करेंगे। जटिलता के कारण फिलहाल बहुत लोग ठीक से इसका अनुपालन नहीं कर पा रहे हैं। इनकम टैक्स एक्ट के प्रोविजंस से लोगों को एक्ट की समझ नहीं है। लोगों को यदि एक्ट के बारे में समझ हो तो ज्यादा से ज्यादा लोग उसका अनुपालन करेंगे। इससे इनकम टैक्स विभाग को फायदा होगा। कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित समारोह में चैंबर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत सहारिया ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर चैंबर के उपाध्यक्ष अनुराग झुनझुनवाला और रजत अग्रवाल भी मौजूद थे।