सन्मार्ग संवाददाता, हुगली:
उत्तरपाड़ा में एसआईआर (संशोधित प्रारूपित मतदाता सूची) ड्राफ्ट वोटर सूची को लेकर गंभीर विसंगति सामने आई है। उत्तरपाड़ा-कोतरंग नगरपालिका के 16 नंबर वार्ड, 262 नंबर बूथ के निवासी श्यामल खाटुआ इस घटना से स्तब्ध हैं, जब उनका नाम मतदाता सूची में मृत के रूप में दर्ज पाया गया। श्यामल खाटुआ ने बताया कि उन्होंने अपने सभी जरूरी दस्तावेजों और बीएलओ द्वारा दिए गए एनुमरेशन फॉर्म समय पर जमा कर दिए थे।
श्यामल के बड़े भाई शिवशंकर खाटुआ, जो इस बूथ के बीएलए-2 हैं, ने बताया कि अंतिम बीएलओ और बीएलए की बैठक में कुल 30 वोटरों के नाम मृत के रूप में तय किए गए थे। इस सूची पर बीएलओ के हस्ताक्षर भी मौजूद थे। इसके बावजूद जब ड्राफ्ट वोटर सूची जारी हुई, तो उसमें 31 मतदाताओं को मृत दिखाया गया, जिसमें श्यामल खाटुआ का नाम भी शामिल था। यह स्पष्ट रूप से एक प्रशासनिक गलती का संकेत है, जिसने मतदाता और उनकी परिवार को चिंतित कर दिया है।
श्यामल खाटुआ ने बताया कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और फॉर्म-6 भरकर चुनाव आयोग को दोबारा आवेदन करेंगे। उनका कहना है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे कानूनी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे और जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि मतदाता सूची में ऐसी गलतियाँ चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगा सकती हैं। बीएलओ और बीएलए की जिम्मेदारी है कि वे सूचियों में दर्ज विवरण की सटीकता सुनिश्चित करें, ताकि कोई भी योग्य मतदाता मतदान से वंचित न हो।
स्थानीय लोग भी इस मामले को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और अधिकारियों से जल्द से जल्द सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। यह घटना चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल उठाती है।
चुनाव आयोग ने इस प्रकार की विसंगतियों को गंभीरता से देखा है और मतदाता शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का निर्देश दिया है। ऐसे मामलों में मतदाता को फॉर्म-6 के माध्यम से संशोधन का अधिकार प्राप्त है, जिससे सूची में सुधार किया जा सके।
उत्तरपाड़ा की यह घटना दर्शाती है कि ड्राफ्ट वोटर सूची तैयार करते समय प्रशासनिक त्रुटियों को रोकना कितना आवश्यक है। सही और अद्यतन मतदाता सूची न केवल मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनाए रखती है, बल्कि मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा भी करती है।