इस्लामाबाद - पाकिस्तान को हाल ही में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से 1 बिलियन डॉलर का कर्ज मिला था, जिससे आतंकवादियों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को पैसे देने पर IMF की कार्यवाही पर सवाल उठने लगे थे। अब, IMF को यह चिंता सताने लगी है कि कहीं पाकिस्तान को दी गई राशि डूब न जाए, इसलिए संस्था ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। IMF ने पाकिस्तान के लिए अपने राहत कार्यक्रम की अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें लागू की हैं। इसके अलावा, IMF ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को आर्थिक कार्यक्रम के लिए गंभीर खतरा बताया है।
आइए अब उन शर्तों को भी जान लें जो आईएमएफ ने पाकिस्तान पर लागू की।
1.अगले वित्त वर्ष के लिए 17,600 अरब रुपये के नए बजट को संसद से पारित करना अनिवार्य होगा।
2.बिजली बिलों में वृद्धि करनी होगी।
3.तीन साल से अधिक पुरानी पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना होगा।
4.चार संघीय इकाइयों द्वारा नया कृषि आयकर कानून लागू करना, जिसमें करदाता पहचान, रिटर्न प्रोसेसिंग, अनुपालन सुधार करना है।
5.देश में संचार अभियान को मजबूत करना होगा।
6.IMF सिफारिशों के आधार पर संचालन सुधारों के कामकाज को दिखाना होगा।
7.2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति तैयार कर उसे सार्वजनिक करना होगा।
8.ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी चार अतिरिक्त शर्तें भी लगाई गई है, जिनमें टैरिफ निर्धारण, वितरण सुधार और वित्तीय पारदर्शिता शामिल हैं।
रक्षा बजट में लगातार बढ़ोतरी कर रहा पाकिस्तान
महंगाई और कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहा पाकिस्तान लगातार अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर रहा है। पाकिस्तान का आगामी रक्षा बजट 2,414 अरब रुपये है, जो पिछले साल से 12 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, शहबाज सरकार ने इस महीने की शुरुआत में 2,500 अरब रुपये (18 प्रतिशत की वृद्धि) का प्रस्ताव किया है। इस फैसले को लेकर आशंका जताई जा रही है कि IMF इससे नाखुश हो सकता है।
आतंकवादियों को फंडिंग दे रही पाकिस्तान सरकार
हालांकि आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है, लेकिन भारत का कहना है कि पाकिस्तान इस पैसे का गलत तरीके से उपयोग करेगा। हाल ही में पाकिस्तान के मंत्री तनवीर हुसैन ने मुरीदके का दौरा किया था, जो उन नौ आतंकी ठिकानों में से एक है, जहां ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया था। हुसैन ने कहा था कि सरकार इस इलाके का पुनर्निर्माण अपनी लागत पर करेगी। हुसैन के इस बयान के बाद भारत ने विरोध व्यक्त किया था, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता देना आतंकवाद को समर्थन देने जैसा है।