न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को एक बड़े युद्ध, यहां तक कि परमाणु संघर्ष की स्थिति से पीछे हटाकर एक अहम कूटनीतिक सफलता हासिल की। एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से सीधे संवाद किया और उन्हें बातचीत के रास्ते पर लाने की कोशिश की। ट्रंप के मुताबिक, उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच हालात इतने तनावपूर्ण थे कि मामला पूर्ण युद्ध तक पहुंच सकता था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इतनी बड़ी कोशिश के बावजूद उन्हें इसका सही श्रेय नहीं दिया गया।
ट्रंप ने कहा, “यह मेरी इतनी बड़ी सफलता है कि इसका उचित श्रेय मुझे कभी नहीं मिलेगा। वे बड़ी परमाणु शक्तियाँ हैं। यह स्थिति जैसे को तैसा की तरह थी, और तेज़ी से बिगड़ रही थी,। जब पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्होंने दोनों देशों को फोन किया था, ट्रंप ने जवाब दिया, “हां, मैंने किया था।” उन्होंने कहा कि यह संघर्ष तेजी से बढ़ रहा था, मिसाइलों का इस्तेमाल हो रहा था और अगला चरण ‘एन’— यानि न्यूक्लियर हो सकता था। “यह ‘एन’ शब्द है। बहुत बुरा शब्द है, है न? परमाणु युद्ध दुनिया की सबसे बुरी चीज हो सकती है,”।
व्यापार के ज़रिए तनाव कम करने की रणनीति
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने व्यापार को शांति स्थापना का माध्यम बनाया। “मैं व्यापार का उपयोग हिसाब बराबर करने और शांति स्थापित करने के लिए कर रहा हूं।” उन्होंने दावा किया कि भारत दुनिया के सबसे ऊंचे टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है, जिससे अमेरिका के लिए व्यापार करना मुश्किल हो जाता है। ट्रंप ने कहा। “क्या आपको मालूम है कि वे अमेरिका के लिए अपने शुल्क में 100 प्रतिशत कटौती करने को तैयार हैं?” जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द होगा, उन्होंने उत्तर दिया, “हां, यह जल्द ही होगा। लेकिन मुझे कोई जल्दी नहीं है।”
भारत-पाकिस्तान संघर्ष की पृष्ठभूमि
यह सातवां मौका है जब डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकियों के ठिकानों पर जोरदार जवाबी कार्रवाई की थी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिस पर भारतीय सेना ने भी तीखा पलटवार किया।
लगभग चार दिन तक सीमा पार हमलों का सिलसिला चला, जिसके बाद 10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच “पूर्ण और तात्कालिक संघर्षविराम” पर सहमति बनी। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच लंबी बातचीत के बाद यह समझौता संभव हो सका। हालांकि, ट्रंप के इस दावे पर भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।