वाशिंगटन - कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपनी पार्टी के भीतर उठ रही आलोचनाओं पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर देशहित में कार्य करना पार्टी विरोधी गतिविधि माना जा रहा है, तो ऐसे आरोप लगाने वालों को खुद से सवाल करना चाहिए। फिलहाल थरूर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका में हैं। यह प्रतिनिधिमंडल पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का आतंकवाद के खिलाफ रुख अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट करने के मकसद से अमेरिका गया है। जब केंद्र सरकार ने इस प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर का नाम शामिल किया, तभी से कांग्रेस के भीतर इस पर असहमति के सुर सुनाई देने लगे थे।
विरोधी नेताओं को दिया जवाब
शशि थरूर के बयानों को लेकर कई कांग्रेस नेताओं ने नाराज़गी जताई थी और उन्हें सरकार का 'सुपर प्रवक्ता' तक कह दिया गया। लेकिन थरूर ने इन आलोचनाओं का शांत और संतुलित अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश की सेवा कर रहा है, तो उसे ऐसी टिप्पणियों से प्रभावित नहीं होना चाहिए। थरूर ने दोहराया कि अगर किसी को लगता है कि राष्ट्रहित में काम करना पार्टी विरोधी गतिविधि है, तो उसे खुद अपनी सोच पर सवाल उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे एक खास उद्देश्य से अमेरिका आए हैं और किसी के भावनाओं में बहकर दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया देकर समय गंवाने का कोई मतलब नहीं है।
भाजपा में शामिल होने के सवाल पर भी बोले
1.भाजपा में शामिल होने के सवाल पर शशि थरूर ने कहा कि 'मैं लोकसभा का सांसद हूं और अभी मेरे कार्यकाल के 4 साल बचे हैं। मुझे नहीं पता कि ऐसे सवाल क्यों उठ रहे हैं।' राहुल गांधी ट्रंप के फोन के बाद सरेंडर वाले बयान पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पार्टियां विरोध, आलोचना और मांग करती रहती हैं।
2.थरूर ने कहा कि देश में हमारे बीच राजनीतिक मतभेद रहते हैं, लेकिन जब हम देश की सीमा पार कर लेते हैं, तो हम भारतीय हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां व्हाइट हाउस के साथ किसी तरह की जटिलता पैदा करने के लिए नहीं आया हूं।