कोलकाता : रंगों का त्योहार होली खुशियों के साथ-साथ सेहत संबंधी चुनौतियां भी लेकर आता है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह समय विशेष सावधानी बरतने का होता है। जरा सी लापरवाही त्योहार के रंग में भंग डाल सकती है। केमिकलयुक्त रंगों के उपयोग से लोगों को त्वचा से संबंधित समस्या होने लगती है। सरकारी और निजी अस्पतालों में हर वर्ष होली के बाद बड़ी संख्या में मरीज त्वचा संबंधित समस्याओं को लेकर आते हैं। विशेषज्ञों ने त्योहार के दौरान सुरक्षित रंगों के इस्तेमाल, सेहतमंद खानपान और स्वास्थ्य संबंधी एहतियात बरतने की सलाह दी है।
बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या करें उपाय :
डिसन अस्पताल के पीडियाट्रिक्स एवं पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बिचित्रवाणु सरकार ने कहा कि बाजार में मिलने वाले अनब्रांडेड और पैकेजिंग रहित रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं, जो त्वचा और आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं। एलर्जिक डर्मेटाइटिस, एलर्जिक राइनाइटिस, अस्थमा और सांस की समस्या वाले बच्चों के लिए ये रंग अत्यधिक हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे में माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बच्चे केवल हर्बल या आर्गेनिक रंगों से होली खेलें। फोर्टिस अस्पताल की कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. ऋतिका दस्तीदार ने कहा कि होली के दौरान बच्चों को ढीले, आरामदायक कपड़े पहनाने चाहिए और उनकी त्वचा पर मॉइश्चराइजर व सनस्क्रीन लगाना चाहिए। यदि रंग आंखों में चला जाए तो तुरंत पानी से धोना चाहिए।
बच्चों के लिए होली में सुरक्षा के महत्वपूर्ण उपाय :
- त्वचा पर पहले से तेल या पैराफिन आधारित लोशन लगाएं ताकि रंग आसानी से साफ हो जाएं।
- खाने से पहले हाथ जरूर धोएं, क्योंकि रंगों में मौजूद लेड व मरकरी जैसी धातुएं शरीर में पहुंचकर जहरीला असर डाल सकती हैं।
- नाक को सलाइन स्प्रे से साफ करें, जिससे एलर्जी और साइनस संक्रमण की संभावना कम हो।
- यदि बच्चे को सूखी खांसी, त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते, आंखों में जलन या नाक बहने की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- गीले कपड़ों में ज्यादा देर न रहें, क्योंकि इससे ठंड लगने और वायरल संक्रमण का खतरा रहता है।
- भांग व अन्य नशीले पदार्थ बच्चों की पहुंच से दूर रखें, क्योंकि यह उनके लिए अत्यधिक जहरीला हो सकता है।
होली पर खानपान पर दें विशेष ध्यान
डिसन अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. अमिताभ दत्ता ने कहा कि त्योहार के दौरान अधिक मात्रा में तली-भुनी और मसालेदार चीजें खाने से एसिडिटी, गैस्ट्राइटिस, उल्टी और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर बुजुर्ग, मधुमेह के मरीज और लिवर की समस्या वाले लोगों को भारी कैलोरी वाले पेय पदार्थों से बचना चाहिए। फोर्टिस अस्पताल की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. श्रावणी मुखर्जी ने बताया कि डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी, नींबू पानी, लस्सी और छाछ जैसे पेय पदार्थों का सेवन करना सेहत के लाभदायक होता है।
होली के दौरान खानपान के लिए महत्वपूर्ण सुझाव:
- मधुमेह और हृदय रोगी मिठाइयों और तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचें।
- जंक फूड की जगह फलों और नट्स का सेवन करें, जो सेहतमंद होते हैं।
- ठंडाई का सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि यह कैलोरी से भरपूर होती है।
- बदलते मौसम में इम्युनिटी मजबूत करने के लिए आहार में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, फल और सब्जियां शामिल करें।