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आरजीकर के डॉ. अनिकेश के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं

हाई कोर्ट को सरकार ने दिलाया भरोसा

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : आरजीकर के डॉ. अनिकेश महतो के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। पोस्टिंग पर आपत्ति जताते हुए डॉ. अनिकेश ने हाई कोर्ट में रिट दायर की है। वृहस्पतिवार को जस्टिस विश्वजीत बसु के कोर्ट में इस मामले की हुई सुनवायी के दौरान राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट जनरल ने भरोसा दिलाया कि उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसकी अगली सुनवायी अब सोमवार को होगी।

यहां गौरतलब है कि डॉ. महतो की पोस्टिंग रायगंज मेडिकल कालेज में की गई है। हालांकि उन्होंने काउंसिलिंग में आरजीकर में पोस्टिंग के विकल्प को चुना था। उनकी तरफ से बहस कर रहे एडवोकेट प्रतीक धर ने कहा कि एमडी करने वाले इन डॉक्टरों को काउंसिलिंग के दौरान पोस्टिंग के लिए अपनी पसंद का स्थान चुनने का विकल्प रहता है। इसके लिए एक मेरिट लिस्ट बनायी जाती है और इसी के आधार पर पोस्टिंग में वरीयता मिलती है। मेरिट लिस्ट में डॉ. महतो 25वें स्थान पर थे और 26वें व 28वें स्थान पर डॉ.अन्तरा और डॉ. त्रिपर्णा थी। उनकी आरजीकर में पोस्टिंग कर दी गई। वहां अभी भी एक पोस्ट खाली है, इसके बावजूद डॉ. महतो की पोस्टिंग रायगंज मेडिकल कालेज में की गई है। डॉ. मेहता ने वहां ज्वायन नहीं किया है। एडवोकेट धर की दलील थी कि कोई डॉक्टर अगर विकल्प नहीं चुनता है तो उसकी पोस्टिंग कहीं भी की जा सकती है। इससे इतर पोस्टिंग किए जाने का प्रावधान नहीं है। उनका सवाल था कि आखिर वो कौन सी वजह थी जिसके कारण डॉ.महतो की पोस्टिंग रायगंज मेडिकल कालेज में की गई। जस्टिस बसु ने जानना चाहा कि उन्होंने ट्राइब्यूनल में क्यों नहीं मामला किया तो एडवोकेट धर की दलील थी कि ये राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं हैं। उनके पास हरजाने के तौर पर 30 लाख रुपए देकर इससे बाहर निकलने का विकल्प है। डॉ. अशफकुल्ला नइयां और डॉ. देवाशिष हालदार ने भी हाई कोर्ट में रिट दायर कर रखा है। उनकी पोस्टिंग भी उनके चुने गए विकल्प से इतर की गई है। जस्टिस अमृता सिन्हा के कोर्ट में वृहस्पतिवार को मामले की सुनवायी होनी थी। जब मामले को पुकारा गया तो राज्य सरकार के एडवोकेट सपन बनर्जी ने कहा कि इसी तरह के एक मामले की सुनवायी जस्टिस बसु के कोर्ट में हो रही है, इसलिए इसकी सुनवायी टाल दी जाए। जस्टिस सिन्हा इस पर सहमत हो गई, पर उन्होंने रिट दायर करने के विकल्प को खुला छोड़ दिया।


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