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मेरा ब्वाय फ्रेंड जेल में मर रहा है और मैं यहां

महिला ने की जज से जमानत देने की अपील

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : हाई कोर्ट के जस्टिस प्रसेनजीत विश्वास के कोर्ट में मंगलवार को एक जमानत याचिका पर सुनवायी चल रही थी। उस दौरान सामने खड़ी एक महिला ने हाथ का इशारा करते हुए कुछ कहना चाहा। जज ने राज्य सरकार के एडवोकेट से उसके बारे में जानने के बाद उसे कहने की अनुमति दे दी। महिला जज के सामने आई और बड़ी बेबाकी से कहा कि मेरा ब्वाय फ्रेंड जेल में मर रहा है, मैं यहां मर रही हूं और बेटी पापा को तलाश रही है, कृपया इसे जमानत दे दीजिए।

उस समय रतुल बर्मन की जमानत याचिका पर सुनवायी चल रही थी और एडवोकेट फिरोज इदुलजी उसे जमानत दी जाने के पक्ष में दलील दे रहे थे। इस महिला ने रतुल को ही जमानत पर रिहा किए जाने का अनुरोध किया था। यहां गौरतलब है कि इसी महिला ने रतुल के खिलाफ उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी। इसी के आधार पर गिरफ्तारी के बाद रतुल दमदम जेल में बंद है। इस मामले की सुनवायी बारासात के स्पेशल कोर्ट में हो रही है। दरअसल रतुल और यह महिला दोनों ही पिछले पांच साल से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहें थेे। राज्य सरकार की तरफ से बहस कर रहे एडवोकेट की दलील थी कि पीड़िता होस्टाइल हो गई है, यानि लड़की अपने बयान से पलट गई है। जस्टिस विश्वास ने महिला से जानना चाहा कि वह कोर्ट की हियरिंग में क्यों नहीं गई तो उसकी दलील थी कि वह मुकदमे को कमजोर करना चाहती थी। जस्टिस विश्वास ने शर्तों के साथ अभियुक्त को जमानत दे दी। यहां सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी गौरतलब है जिसमें पोक्सो के फर्जी मामलों का जिक्र किया गया था।

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