सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : 15 साल पुरानेे वाहनों के मामले में राज्य सरकार एक नयी विज्ञप्ति जारी करने पर विचार कर रही है। इस बाबत 2023 में दो जनवरी को जारी की गई विज्ञप्ति में संशोधन किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट ने हाई कोर्ट की जस्टिस राई चट्टोपाध्याय को यह जानकारी दी। जस्टिस चट्टोपाध्याय इस बाबत सिटी सर्ववन बस सर्विस और अन्य की तरफ दायर मामले की सुनवायी कर रही थी। उन्होंने सरकार की इस पेशकश का हवाला देते हुए इसकी सुनवायी 17 जून तक के लिए टाल दी।
राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट जयंत मित्रा ने जस्टिस चट्टोपाध्याय को सरकार की इस सोच के बाबत जानकारी दी। जस्टिस चट्टोपाध्याय ने कहा कि अगर सरकार चाहे तो इस मामले में पीटिशनरों और उनके प्रतिनिधियों के साथ इसका एक सर्वमान्य हल तलाश करने के लिए बैठक कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार जो विज्ञप्ति जारी करने जा रही है उसका मसौदा कमोबेश पीटिशनरों की मांग के अनुरूप है। एडवोकेट मित्रा ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार विचार कर रही है कि प्रदूषण के पैमाना की जांच किए बगैर वाहनों को मेकानिकली और ऑटोमेटिकली रद्द नहीं कर दिया जाए। नयी विज्ञप्ति के मसौदे का प्रकाशन शीघ्र ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है और थोड़ा समय लग सकता है।