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चुनाव बाद हिंसा : पीड़ितों को मुआवजा क्यों नहीं मिला

हाई कोर्ट में इस बाबत कंटेंप्ट का मामला दायर

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के शिकार लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। यह दावा करते हुए हाई कोर्ट में कंटेंप्ट का मामला दायर किया गया है। जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी के डिविजन बेंच ने वृहस्पतिवार को मामले की सुनवायी करते हुए सवाल किया कि अभी तक मुआवजा क्यों नहीं दिया गया है। इस बाबत राज्य सरकार को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

एडवोकेट प्रियंका टिबड़ेवाल ने मामले की सुनवायी के दौरान कोर्ट को बताया कि इसकी पिछली सुनवायी 2023 में 13 मार्च को हुई थी। उन्होंने कहा कि पांच जजों के बेंच ने मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया था। राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि विक्टिम कंपेंसेशन स्कीम के तहत दो लाख रुपए तक मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। एडवोकेट टिबड़ेवाल ने कोर्ट को बताया कि पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। यहां गौरतलब है कि तत्कालीन चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने इस मामले की सुनवायी के लिए पांच जजों के एक स्पेशल बेंच का गठन किया था। पांच जजों के बेंच ने इसकी जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक कमेटी बनायी थी। इसके बाद कमेटी ने रिपोर्ट दाखिल की थी। पांच जजों के बेंच ने रेप और हत्या जैसे मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी थी और राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया था। एडवोकेट टिबड़ेवाल ने बताया कि जस्टिस सेन ने मुआवजा नहीं दिए जाने के मामले में न्यायिक आदेश जारी करने की चेतावनी दी है। अगली सुनवायी 31 जुलाई को होगी और राज्य सरकार को इस बाबत रिपोर्ट दाखिल करनी पड़ेगी।


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