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मुर्शिदाबाद : हत्या के एक मामले को एक कोर्ट ने किया फिर रिलीज

सांप्रदायिक हिंसा के दौरान घटी थी यह घटना

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक दंगे के दौरान एक पिता और पुत्र की हत्या कर दी गई थी। वृहस्पतिवार को यह मामला जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी के डिविजन बेंच में सुनवायी के लिए आया तो बेंच ने इसे रिलीज कर दिया। जस्टिस सेन ने कहा कि मुर्शिदाबाद का टैग लगे होने का मतलब यह नहीं कि इससे जुड़े हर मामले की सुनवायी यही बेंच करेगा। यहां गौरतलब है कि जस्टिस सौमेन सेन का डिविजन बेंच मुर्शिदाबाद के दंगे के मामले की सुनवायी कर रहा है।

यहां गौरतलब है कि इस हिंसा के दौरान हरगोविंद दास और उनके पुत्र चंदन दास की हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी ने पुलिस के खिलाफ ओवरएक्शन का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में रिट दायर की थी। इसके साथ ही इसकी जांच किसी सेंट्रल एजेंसी से कराये जाने का आदेश देने की अपील की गई थी। डिटरमिनेशन के मुताबिक यह मामला जस्टिस तीर्थंकर घोष के कोर्ट में सुनवायी के लिए आया तो उन्होंने यह कहते हुए इसे रिलीज कर दिया कि मुर्शिदाबाद के मामले की सुनवायी एक डिविजन बेंच में हो रही है। यह मामला चीफ जस्टिस के पास गया तो उन्होंने इसे जस्टिस सेन के डिविजन बेंच को एसाइन कर दिया। जस्टिस सेन की दलील थी कि यह पुलिस के खिलाफ ओवरएक्शन का मामला है, इसलिए जिस बेंच के पास इसका डिटरनिमेशन है वहीं इसकी सुनवायी होनी चाहिए। अब यह मामला चीफ जस्टिस के पास जाएगा और वे सुनवायी के लिए बेंच तय करेंगे।

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