सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एक नाबालिगा के साथ रेप किए जाने के मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस तीर्थंकर घोष ने सीडी दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इस मामले में जस्टिस घोष ने हावड़ा के सांकराइल थाने के कामकाज पर नाखुशी जतायी है। इस बाबत दायर रिट में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने पीड़िता के पिता को ही गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस को रिपोर्ट भी दाखिल करने का आदेश दिया है। इसकी अगली सुनवायी 13 मई को होगी।
इस मामले में सरकारी एडवोकेट की सफाई देने पर जस्टिस घोष ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आईओ के बयान में अंतर्विरोध नजर आता है। पुलिस की तरफ से इस मामले में दाखिल रिपोर्ट का हवाला देते हुए जस्टिस घोष ने यह टिप्पणी की। एडवोकेट संयुक्ता सामंत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आठ अप्रैल को एक छह वर्षीया बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था। उन्होंने बताया कि यह घटना बिस्को ईट भट्टे के निकट घटी थी। बच्ची के मातापिता बिहार के रहने वाले हैं और यहां मजदूरी करते हैं। पुलिस ने पिता को ही गिरफ्तार कर लिया है जिसने बच्ची को बरामद किया था। अभी तक पीड़ित बच्ची और पीटिशनर, उसकी मां, का बयान रिकार्ड नहीं किया गया है। बच्ची को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते हुए लिलुवा के एक चाइल्ड होम में भेज दिया गया है। इस तरह इस बच्ची को उसके मां बाप से दूर कर दिया गया है, जबकि इस हाल में उसे अपने माता पिता के पास होना चाहिए था। घटना स्थल पर के गवाहों का बयान भी रिकार्ड नहीं किया गया है। इस घटना के मामले में धारा 164 के तहत बयान भी नहीं रिकार्ड कराया गया है। जस्टिस घोष ने इस मामले को बड़ी गंभीरता से लिया है।