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अपर प्राइमरी के 1482 पदों पर नियुक्ति का आदेश

अनुपालन नहीं किए जाने पर कंटेंप्ट का मामला एसएससी के चेयरमैन हाजिर थे कोर्ट में

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : अपर प्राइमरी के 1482 पदों पर टीचरों की नियुक्ति नहीं किए जाने को लेकर हाई कोर्ट में कंटेंप्ट का मामला दायर किया गया है। जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी के डिविजन बेंच ने वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन के चेयरमैन सिद्धार्थ मजुमदार को हाई कोर्ट में तलब किया था। डिविजन बेंच ने 16 मई को इस मामले में कोर्ट मेे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

चेयमैन की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट सप्तांशु बसु की दलील से डिविजन बेंच संतुष्ट नहीं हो पाया। डिविजन बेंच ने 14052 पदों पर नियुक्ति किए जाने का आदेश दिया था। इस आदेश पर चार सप्ताह के अंदर अमल किया जाना था। इस पर अमल नहीं किए जाने के खिलाफ सुशांत घोष ने कंटेंप्ट का मामला दायर किया है। डिविजन बेंच को जानकारी दी गई कि 12482 लोगों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। इसके बावजू 1482 पदों पर अभी तक नियुक्ति नहीं हो पायी है। दरअसल कमिशन आरक्षण के पेंच में उलझ गया है और इससे निकलने की कोई राह नजर नहीं आ रही है। मिसाल के तौर पर 1482 में एक उम्मीदवार है जिसे भुगोल के टीचर के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। पर स्कूल में भुगोल के लिए टीचर का आरक्षित पद खाली है और उम्मीदवार सामान्य पद का है इसलिए उसकी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। कमिशन की कोर्ट से अपील थी कि वह आरक्षित पद पर सामान्य की नियुक्ति के लिए आदेश दे दे। डिविजन बेंच का सवाल था कि कोर्ट इस तरह का आदेश क्यों देगा। डिविजन बेंच ने कहा कि आप सरकार से अपील करें पर कमिशन इसके लिए तैयार नहीं है। जस्टिस चटर्जी ने सवाल किया कि क्या नियुक्ति के लिए खाली पदों का आकलन नहीं किया गया था। सुनवायी के दौरान एक ऐसा मौका भी आया जब जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती ने शेरिफ को बुलाने का आदेश दिया ताकि चेयरमैन को गिरफ्तार किया जा सके। पर स्थिति सामान्य हो गई। बहरहाल डिविजन बेंच ने हर हाल में आदेश के अनुपालन का आदेश दिया है।


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