निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बारासात : बारासात के दत्तोपुकुर में अपने सहकर्मी की निर्मम हत्या के आरोप में सोमवार को बारासात अदालत ने अभियुक्त विश्वजीत दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बारासात सप्तम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश प्रज्ञागार्गी भट्टाचार्य (हुसैन) ने यह फैसला सुनाया। अभियुक्त विश्वजीत दास को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या) के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गई है। इसके अलावा, न्यायाधीश ने 1,000 का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद, दोषी विश्वजीत दास ने निचली अदालत के इस फैसले को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। दत्तोपुकुर में विक्रम साहा की मिठाई की दुकान पर परितोष पांडेय और विश्वजीत दास सहकर्मी थे।
25 लोगों की गवाही पर बारासात कोर्ट ने सुनाया फैसला
25 नवंबर साल 2024 को काम खत्म होने के बाद परितोष पांडेय के घर पर शराब पीने का कार्यक्रम रखा गया था। नशे की हालत में परितोष पांडेय ने विश्वजीत की पत्नी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। इससे आक्रोशित होकर विश्वजीत ने परितोष के सिर पर किसी भारी चीज से वार किया और फिर गला काटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद विश्वजीत मौके से भाग गया। दुकान मालिक विक्रम साहा ने 26 नवंबर को परितोष के घर जाकर घटना की जानकारी दी और दत्तोपुकुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद विश्वजीत दास को बर्दवान के पूर्वस्थली स्थित उसके ससुराल से गिरफ्तार किया। सरकारी पक्ष के विशेष वकील तीर्थंकर पाल ने कहा कि यह एक नाटकीय घटना थी। विश्वजीत ने शराब के नशे में सहकर्मी की क्रूरता से हत्या की और भाग गया। न्यायाधीश ने सब कुछ सुनने के बाद एक मिसाल कायम करने वाली सजा सुनाई है। ट्रायल के दौरान 25 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे।