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हांसखाली सामूहिक दुष्कर्म कांड: रानाघाट कोर्ट ने 9 अभियुक्तों को दोषी ठहराया

आज सुनायी जा सकती है सजा

निधि, सन्मार्ग संवाददाता

नदिया/कोलकाता : पश्चिम बंगाल को झकझोर कर रख देने वाले हांसखाली सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए रानाघाट एडीजी (ADG) अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने इस नृशंस कांड में शामिल कुल 9 अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। सोमवार को दोषसिद्धि की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, न्यायाधीश आज यानी मंगलवार को इन सभी दोषियों के खिलाफ सजा की अवधि का निर्धारण करेंगे।

क्या थी वह भयावह घटना?

यह मामला अप्रैल 2022 का है, जिसने कानून-व्यवस्था और मानवीय संवेदनाओं पर गहरे सवाल खड़े कर दिए थे। नदिया जिले के हांसखाली में एक नाबालिग लड़की को एक जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित किया गया था। आरोप है कि वहां उसे नशीला पदार्थ दिया गया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।

  • अत्यधिक रक्तस्राव और मृत्यु: दुष्कर्म के बाद पीड़िता की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई थी। उसे पर्याप्त चिकित्सा सहायता देने के बजाय लहूलुहान हालत में ही छोड़ दिया गया। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उस नाबालिग ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।

  • साक्ष्य मिटाने की कोशिश: घटना की क्रूरता यहीं समाप्त नहीं हुई। अभियुक्तों ने कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए बिना किसी मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) के ही आनन-फानन में पीड़िता के शव का दाह संस्कार कर दिया, ताकि कोई चिकित्सकीय साक्ष्य बाकी न रहे।

CBI जांच और अदालती कार्यवाही

इस घटना के बाद पूरे पश्चिम बंगाल में विरोध की लहर दौड़ गई थी। मामले की गंभीरता और स्थानीय पुलिस की जांच पर उठते सवालों के बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और जांच के आदेश केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दे दिए। सीबीआई ने तकनीकी साक्ष्यों, फॉरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों के बयानों के आधार पर एक मजबूत चार्जशीट पेश की।

किन धाराओं में कौन हुआ दोषी?

अदालत ने गहन सुनवाई के बाद निम्नलिखित अभियुक्तों को गंभीर धाराओं में दोषी पाया:

  1. मुख्य दोषी: सोहेल गयाली, प्रभाकर पोद्दार और रंजीत मल्लिक। इन्हें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 376DA (सामूहिक दुष्कर्म), 304(2) (गैर-इरादतन हत्या), और पॉक्सो (POCSO) एक्ट की धारा 6 (गंभीर यौन हमला) सहित साक्ष्य मिटाने और धमकाने की धाराओं में दोषी पाया गया है।

  2. सह-अभियुक्त: सुरजीत रॉय और आकाश बारुई सहित अन्य चार को आपराधिक साजिश रचने, सबूत छिपाने और गवाहों को डराने-धमकाने का दोषी पाया गया है।

आज जब अदालत सजा सुनाएगी, तो सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या अदालत इस दुर्लभ और क्रूरतम अपराध के लिए दोषियों को उम्रकैद या फांसी जैसी अधिकतम सजा देती है। पीड़िता के परिवार ने दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है।

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