गुरुद्वारा नानकसर चंद्रकोणा साहिब 
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गुरु नानक की चरणधूलि से पवित्र गुरुद्वारा चंद्रकोणा साहिब

गुरु महाराज जी की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है यह गुरुद्वारा

कोलकाता: पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले में बसा छोटा-सा कस्बा चंद्रकोणा सिख इतिहास का एक अनमोल अध्याय समेटे हुए है। माना जाता है कि सन् 1510 ईस्वी में अपने पूर्वी भारत प्रवास के दौरान श्री गुरु नानक देव जी महाराज यहाँ पधारे थे। उनके साथ भाई मरदाना जी और भाई बाला जी भी थे। उस समय यह क्षेत्र “माना” नाम से प्रसिद्ध था और यह वही मार्ग था जो गुरु नानक देव जी के पुरी-जगन्नाथ यात्रा के रास्ते में पड़ता था।

स्थानीय परंपरा के अनुसार, उस समय यहाँ केतु वंश के राजा चंद्रकेतु राय का शासन था। राजा निःसंतान होने के कारण चिंतित रहते थे। गुरु नानक देव जी के आशीर्वाद से उन्हें पुत्र प्राप्त हुआ। इसी से जुड़ी कथा आज भी क्षेत्र के लोगों के हृदय में जीवित है। कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी ने कुछ दिनों तक एक विशाल बरगद के वृक्ष के नीचे ध्यान और भजन-बंधगी की थी। उसी स्थान पर आज गुरुद्वारा नानकसर चंद्रकोणा साहिब स्थित है।

यह वृक्ष आज भी वहाँ श्रद्धा का केंद्र है, जिसकी पत्तियाँ अलग-अलग किस्म की मानी जाती हैं। सिख समाज को इसके बारे में जानकारी वर्ष 1995 में मिली, जब चंद्रकोणा के ग्रामीणों ने कोलकाता गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को इस स्थान की जानकारी दी। शीघ्र ही सिख संगत ने यहाँ गुरुद्वारा साहिब का निर्माण किया, जहाँ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश हुआ।

आज यह स्थान सिख श्रद्धालुओं के लिए पूर्वी भारत का एक प्रमुख तीर्थस्थल बन चुका है। हर पूर्णमासी और संक्रांति पर यहां विशाल कीर्तन समागम आयोजित होते हैं। बंगाल, झारखंड और बिहार के अनेक शहरों जैसे खड़गपुर, दुर्गापुर, जमशेदपुर, रांची और धनबाद से संगत बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

ग्रामीण आज भी उसी सादगी और स्नेह से श्रद्धालुओं का स्वागत करते हैं, जो इस भूमि की पहचान बन चुकी है। आज भी जब संगत इस शांत, हरियाली से घिरे स्थान पर पहुंचती है, तो उन्हें वही आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस होती है जो पाँच सौ वर्ष पहले गुरु नानक देव जी के चरणों से प्रस्फुटित हुई थी नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार...

कैसे पहुंचें:

चंद्रकोणा पहुंचने का सबसे सुविधाजनक मार्ग खड़गपुर रेलवे स्टेशन के माध्यम से है। खड़गपुर से चंद्रकोणा की दूरी लगभग 45–50 किलोमीटर है, जिसे टैक्सी या स्थानीय वाहन से 1.5 से 2 घंटे में तय किया जा सकता है। खड़गपुर रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख रेल जंक्शनों में से एक है और यह दिल्ली, मुंबई, नागपुर, चेन्नई और हावड़ा (कोलकाता) से सीधा जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से आने वाले यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग 16 (NH-16) से होते हुए चंद्रकोणा रोड के रास्ते पहुंच सकते हैं।

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