हिमालयी हिमनद झील 
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हिमालयी हिमनद झीलों व जलाशयों का 14 साल में हुआ 27% विस्तार : CWC

आयोग ने चेताया : हिमनद झीलों के आकार में बढ़ोतरी से इनके अचानक फटने का खतरा, अचानक बाढ़ ला सकती है तबाही

भारत में स्थित 428 हिमनद झीलों में विस्तार देखा गया

इनमें 133 लद्दाख में, 50 जम्मू-कश्मीर में, 13 हिमाचलमें, 7 उत्तराखंड में, 44 सिक्किम में और 181 अरुणाचल में

हिमनद झीलों के फटने की घटनाओं का प्रत्यक्ष पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं

नयी दिल्ली : केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने अपनी रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों विशेष उल्लेख करते हुए कहा है कि हिमालयी क्षेत्र में हिमनद झीलों और अन्य जलाशयों का पिछले 14 वर्षों में 27 प्रतिशत से ज्यादा विस्तार हुआ है और सिकुड़ते ग्लेशियर और हिमनद झीलों का विस्तार इस क्षेत्र में ‘ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक तापमान वृद्धि)’ के सबसे स्पष्ट संकेत बन गये हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि हिमनद झीलों के आकार में बढ़ोतरी होने से इनके अचानक फटने का खतरा है।

6 राज्यों की 100 हिमनद झीलों का विश्लेषण

CWC ने जुलाई 2025 की अपनी रिपोर्ट 'मंथली मॉनिटरिंग रिपोर्ट ऑफ ग्लेशियल लेक्स एंड वॉटर बॉडीज इन द हिमालयन रीजन' में खुलासा किया है कि भारत में हिमनद झीलों का क्षेत्रफल 2011 से जुलाई 2025 के बीच 14 वर्षों में 27 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में स्थित 55 हिमनद झीलों का जल फैलाव क्षेत्र 2011 के 1,952 हेक्टेयर के मुकाबले जुलाई 2025 में बढ़कर 2,496 हेक्टेयर हो गया है। यानी इन झीलों के क्षेत्रफल में 27.87 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। रिपोर्ट में कुल 100 हिमनद झीलों का विश्लेषण किया गया था, जो लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में फैली हैं। इनमें से 58 झीलों में जल क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गयी। आगे के विश्लेषण के लिए सिर्फ 55 हिमनद झीलों पर विचार किया गया था। बाकी झीलों में 40 सुप्राग्लेशियल डेब्रिस कवर झीलें शामिल थीं। इनकी कोई इन्वेंट्री डिटेल्स नहीं हैं।

‘आपदा तैयारियों के लिए गहन निगरानी’ पर जोर

आयोग की अगस्त की रिपोर्ट में कहा गया है कि गत 14 वर्ष में 1,435 हिमनद झीलों और जलाशयों के जल विस्तार क्षेत्र में वृद्धि हुई है जबकि 1,008 में कमी दर्ज की गयी है। हालांकि इस रिपोर्ट को अबतक सार्वजनिक नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार आयोग ‘गूगल अर्थ इंजन’ के माध्यम से उच्च-रिजाॅल्यूशन सेंटिनल उपग्रह के प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल 2,843 हिमनद झीलों और जलाशयों की निगरानी के लिए करता है। इनमें से भारत में स्थित 428 हिमनद झीलों में विस्तार देखा गया है और ‘आपदा तैयारियों के लिए गहन निगरानी’ की आवश्यकता है। CWC के अनुसार इनमें 133 लद्दाख में, 50 जम्मू-कश्मीर में, 13 हिमाचल प्रदेश में , 7 उत्तराखंड में, 44 सिक्किम में और 181 अरुणाचल प्रदेश में अवस्थित हैं। आयोग के अनुसार भारत में हिमनद झीलों का कुल जल विस्तार क्षेत्र 2011 में 1,995 हेक्टेयर था जो बढ़कर 2025 में 2,445 हेक्टेयर हो गया। इस प्रकार इसमें 22.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।

अस्थिर ‘हिम बांधों’ के तट टूट जाते हैं जिससे अचानक बाढ़ आती है

आयोग ने हिमनद झीलों के आकार में बढ़ोतरी होने से इनके अचानक फटने के खतरे से आगाह करते हुए कहा है कि इस दौरान अस्थिर हिमोढ़ बांधों के तट टूट जाते हैं जिससे अचानक बाढ़ आती है और निचले इलाके में व्यापक क्षति हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान जानकारी के आधार पर हिमनद झीलों के फटने की घटनाओं का प्रत्यक्ष पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं है तथा निरंतर निगरानी के महत्व को रेखांकित किया गया है। मासिक निगरानी रिपोर्ट पूर्व चेतावनी प्रणालियों की मदद के लिए केंद्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ साझा की जाती हैं तथा व्यापक पहुंच के लिए CWC वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती हैं। भारतीय नदी बेसिन 2023 के हिमनद झील एटलस के अनुसार हिमालयी नदी बेसिन में 0.25 हेक्टेयर से बड़ी 28,043 हिमनद झीलों का मानचित्रण किया गया है, जिनमें से 7,570 भारत में स्थित हैं।

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