सन्मार्ग संवाददाता
नैहाटी: पश्चिम बंगाल में रेलवे स्टेशनों का इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी के लिए करने वाले एक बड़े गिरोह के मंसूबों पर नैहाटी जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस) ने पानी फेर दिया है। सियालदह मेन लाइन पर स्थित नैहाटी स्टेशन पर की गई एक बड़ी कार्रवाई में, जीआरपी ने 77 किलोग्राम गांजा बरामद किया है और इस सिलसिले में चार तस्करों को गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना गुरुवार को घटी। डाउन रामपुरहाट लोकल ट्रेन से चार संदिग्ध व्यक्ति नैहाटी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर उतरे। इन चारों के पास अनेक टूरिस्ट बैग थे, जिनका वजन और उनकी संख्या सामान्य यात्रियों से कहीं अधिक लग रही थी।
प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को उनके असामान्य व्यवहार और भारी-भरकम सामान को देखकर तुरंत संदेह हुआ। जवानों ने सतर्कता दिखाते हुए इन चारों की ओर कदम बढ़ाए और तलाशी शुरू करने का प्रयास किया। जवानों को देखते ही चारों में से एक युवक ने भागने की कोशिश की, लेकिन जीआरपी ने फुर्ती दिखाते हुए चारों अभियुक्तों को मौके पर ही धर दबोचा।
इसके बाद, जब उनके ट्रैवलर्स बैग्स की विस्तृत तलाशी ली गई, तो अधिकारियों की आँखें फटी रह गईं। बैगों के अंदर छिपाकर रखी गई भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ, जिसका कुल वजन 77 किलोग्राम था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए चारों व्यक्ति न्यू बैरकपुर के निवासी हैं। शुरुआती जाँच और पूछताछ से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पकड़े गए लोगों में से कम से कम दो व्यक्ति एक अंतर-राज्यीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
जीआरपी को संदेह है कि मादक पदार्थों की यह बड़ी खेप रेल मार्ग के जरिए नदिया जिले में तस्करी के लिए ले जाई जा रही थी, जहाँ से इसे आगे के बाजारों में पहुँचाया जाना था।
रेलवे पुलिस इसे सियालदह मेन लाइन पर गांजा बरामदगी की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक मान रही है। रेल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तस्करों की मंशा यात्री बनकर स्टेशनों की भीड़-भाड़ का फायदा उठाना था, ताकि वे बिना किसी की नजर में आए मादक पदार्थों को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पहुँचा सकें।
गिरफ्तार अभियुक्तों से जीआरपी गहनता से पूछताछ कर रही है, ताकि इस अंतर-राज्यीय गिरोह के अन्य सदस्यों, इसके मुख्य सरगना और इसके वितरण नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह गांजा कहाँ से लाया गया था और नदिया में इसकी अंतिम डिलीवरी कहाँ होनी थी। इस घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा और मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान की महत्ता को रेखांकित किया है।