उड़ने वाली गिलहरी (यूपेटॉरस सिनेरियस) 
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हिमाचल की मियार घाटी में दिखी ‘उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी'

शिमला : हिमाचल प्रदेश वन विभाग (एचपीएफडी) की वन्यजीव शाखा ने लाहौल और स्पीति जिले की मियार घाटी में फर से युक्त ‘उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी’ की पहली बार तस्वीर सामने आयी है।

70 साल के अंतराल के बाद 1994 में फिर खोजी गयी

वन विभाग के प्रवक्ता ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि यह दुर्लभ तस्वीर 10 अक्टूबर से चार दिसंबर 2024 के बीच किये गये ‘कैमरा ट्रैपिंग’ सर्वेक्षण के दौरान सामने आयी। प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी हिमालय में पायी जाने वाली उड़ने वाली गिलहरी (यूपेटॉरस सिनेरियस) को लंबे समय तक विलुप्त माना जाता था लेकिन लगभग 70 वर्षों के अंतराल के बाद 1994 में इसे पुनः खोजा गया।

हिमाचल की स्तनधारी जीवों की सूची में एक उल्लेखनीय वृद्धि

उन्होंने कहा कि इसकी उपस्थिति की पुष्टि राज्य की स्तनधारियों की सूची में एक उल्लेखनीय वृद्धि और वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। प्रवक्ता ने बताया कि ‘कैमरा ट्रैपिंग’ सर्वेक्षण भारत में हिम तेंदुओं की संख्या आकलन (एसपीएआई) पहल का हिस्सा था।

मियार घाटी में 62 स्थानों पर कैमरे लगाये गये

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में एसपीएआई प्रोटोकॉल का पालन किया गया और मियार घाटी में रणनीतिक स्थानों पर 62 कैमरे लगाए गए। यह व्यापक सर्वेक्षण वन विभाग की वन्यजीव इकाई द्वारा नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था।

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