कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को उन 39 लोगों के परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की, जिनके बारे में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी मृत्यु राज्य में “विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से उत्पन्न भय” के कारण हुई जिनमें कुछ आत्महत्याएं भी शामिल हैं।
बीमार पड़े लोगों को भी आर्थिक मदद
बनर्जी ने कहा कि चार बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) सहित इन 39 शोक संतप्त परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एसआईआर के दौरान बीमार पड़ने वाले 13 अन्य लोगों के परिवारों को भी एक-एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। इन 13 में तीन बीएलओ भी शामिल हैं, जिन्हें कथित तौर पर “अत्यधिक कार्यभार” का सामना करना पड़ा।
अब तक चार बीएलओ की मौत
मुख्यमंत्री ने सरकारी आकलन का हवाला देते हुए कहा कि चार नवंबर को एसआईआर की शुरुआत से जनता के एक वर्ग में व्यापक पैमाने पर भय उत्पन्न हुआ है। राज्य सचिवालय नबान्न में राज्य के 14 वर्षों के विकास रिकॉर्ड की समीक्षा के बाद बनर्जी ने कहा, “अब तक चार बीएलओ समेत 39 आम नागरिकों की एसआईआर से उत्पन्न भय के कारण मौत हो चुकी है, जिसमें आत्महत्याएं भी शामिल हैं। उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।”
अत्यधिक कार्यभार के कारण बीएलओ की मौत
ममता बनर्जी कहा कि गणना संबंधी कार्यों के दौरान बेहोश होने या गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद 13 अन्य लोग वर्तमान में उपचाराधीन हैं। राज्य में “अत्यधिक कार्यभार” के कारण बीएलओ की मौत के भी आरोप लगाए गए हैं। बनर्जी ने कहा कि ऐसी चार मौतें हुई हैं और सरकार पहले ही दो अधिकारियों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये प्रदान कर चुकी है।
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