कोलकाता: पाकिस्तान पर भारत की सैन्य कार्रवाई आपरेशन सिंदूर के बाद आज भी पहलगाम हमले में अपनी जान गंवा चुके लोगों के परिजनों की पीड़ा कम नहीं हुई है। उनका कहना है कि उस आतंकी हमले के जख्म आज भी ताजा हैं और टिस रहे हैं। इस बीच आज यानी गुरुवार दोपहर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नवान्न में मुलाकात होगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवार अब भी न्याय के इंतजार में हैं।
इस हमले में मारे गए बेहाला सखेरबाजार के निवासी समीर गुहा की पत्नी शबरी गुहा का कहना है, हम सब कुछ खो चुके हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' की बात हुई, लेकिन हकीकत में हत्यारे अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? घटना के समय पर्याप्त सुरक्षा बल क्यों नहीं थे? दोनों मुख्यमंत्रियों को सम्मान और सौहार्द प्रेषित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय या गृह मंत्रालय से आज तक एक फोन भी नहीं आया। ममता-उमर अब्दुल्ला की संभावित बैठक पर प्रकाश डालते हुए शबरी ने कहा कि, हम बंगाल सरकार के शुक्रगुजार हैं, लेकिन केंद्र की चुप्पी हमें और दुख देती है।
इसी हमले में मारे गए पाटुली निवासी बितान अधिकारी के परिजन कीर्ति परमार ने कहा, हम बेहद दयनीय स्थिति में हैं। बितान की पत्नी सोहिनी अधिकारी मानसिक रूप से टूट चुकी हैं और वह किसी प्रकार की प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं हैं। हम बस यही कहना चाहते हैं कि यह त्रासदी दोबारा न हो। हालांकि पुरुलिया झालदा के मनीष रंजन नामक एक अन्य मृतक के परिवार से संपर्क करना संभव नहीं हो सका। पीड़ित परिवारों की यह पीड़ा आज की ममता-उमर की बैठक को और भी संवेदनशील बना देती है। संभावना है कि बैठक में सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटक सुरक्षा और हमले के बाद की कार्रवाई पर भी चर्चा होगी। यह मुलाकात सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि इंसाफ और भरोसे की एक जरूरत बन गई है। पहलगाम की धरती पर बहा खून, अब भी जवाब मांग रहा है।