कोलकाता: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि वैश्विक राजनीति गहरे बदलावों से गुजर रही है, जहाँ देश अब अमेरिका और चीन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस परिदृश्य में भारत नए व्यापारिक साझेदारियों और कनेक्टिविटी नेटवर्क्स के माध्यम से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है।
आईआईएम कोलकाता से मानद डॉक्टरेट ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक कारक आर्थिक हितों से अधिक निर्णायक बन गए हैं। वैश्वीकरण अब भी मौजूद है, लेकिन इसके खिलाफ कई शक्तिशाली प्रतिरोध खड़े हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब द्विपक्षीय स्तर पर नई शर्तों के साथ देशों से जुड़ रहा है, जबकि चीन पहले से अधिक अपने नियमों पर चल रहा है।
इस कारण कई देशों को समझ नहीं आ रहा कि वे प्रतिस्पर्धा पर ध्यान दें या पर्दे के पीछे हो रहे समझौतों पर। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के देश दबावों के बीच हर दिशा में हेजिंग कर रहे हैं—जहाँ लाभ मिले, वहाँ विकल्प चुने जा रहे हैं।
जयशंकर ने बताया कि यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व की रणनीतिक स्थितियाँ बदल चुकी हैं, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में नए अवसर उभर रहे हैं। उन्होंने चेताया कि चीन में दुनिया के एक-तिहाई उत्पादन और वैश्विक ऊर्जा समीकरणों के बदलाव ने सप्लाई चेन, बाजार और व्यापार को लेकर नई अनिश्चितताएँ पैदा कर दी हैं।