उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को गंगोत्तरी धाम और मुखवा के निकट धराली गांव में बादल फटने के बाद खीर गंगा (खीर गाड़) में आयी भारी बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गयी तथा कई लोग लोग मलबे में दब गये या बह गये। देखते ही देखते गांव जमींदोज हो गया। धराली बाजार ध्वस्त हो गया। बताया जता है कि सेना का निकटवर्ती कैंप भी बाढ़ की चपेट में आ गया। पूरे इलाके में दहशत फैल गयी और राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
सेना ने संभाला मोर्चा, एनडीआरएफ की टीमें रवाना
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने घटनास्थल के लिए रवाना होने से पहले चार व्यक्तियों की मृत्यु और 50 से ज्यादा लोगों के लापता होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि नुकसान की सही जानकारी कुछ देर बाद ही सामने आ पायेगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में हुए भारी नुकसान पर दुख जताया और प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं और वे लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी। इस बीच सेना और आईटीबीपी ने राहत और बचाव कार्य के लिए मोर्चा संभाल लिया है।
गंगोत्तरी धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है धराली
जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर धराली गंगोत्तरी धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यह यात्रा के प्रमुख पड़ावों में शामिल है। एक स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी राजेश पंवार ने बताया कि खीर गाड़ के जल ग्रहण क्षेत्र के ऊपर बादल फटा जिसकी वजह से नदी में विनाशकारी बाढ़ आ गयी। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार धराली गांव में करीब 20-25 होटल और होम स्टे भी बह गये हैं। इन होटलों में गंगोत्तरी जाने वाले पर्यटक रुकते हैं। घटना के बाद कई लोग लापता हैं और बहुत से लोगों के हताहत होने की आशंका है। इ पहाड़ से गिरे मलबे में गांव का बहुत बड़ा हिस्सा मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका है। बाजार का पूरा इलाका भी मलबे में दब गया है। घटना में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है।
34 सेकंड में सब खत्म, लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला
बताया जा रहा है कि बादल फटने की घटना दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई, जिसके बाद तेजी से मलबा पहाड़ से नीचे की तरफ आया। रफ्तार इतनी तेज थी कि लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। मात्र 34 सेंकड में खीर गाड़ में पानी का स्तर तेजी से बढ़ने लगा और पानी घरों में घुस गया। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। सड़कें और पुल भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जिससे गांव का संपर्क बाकी दुनिया से कट गया है। ऊपरी इलाकों में मौजूद कुछ लोगों ने खौफनाक घटना को कैमरों में कैद किया और इस दौरान वह मंजर देखकर लोग चीखते-चिल्लाते रहे। कई घोड़े, खच्चर और कई वाहन भी दब गये हैं। पूरे इलाके में लोग घबराए हुए हैं। प्रशासन की तरफ से सभी लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
पीएम ने जताया दुख, गृहमंत्री ने धामी से बात की
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे धराली में अचानक आयी बाढ़ से प्रभावित लोगों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने प्रभावित लोगों को पूरी मदद का आश्वासन दिया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि मैंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात की है और स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात की और हालात का जायजा लिया।
उत्तराखंड में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
देहरादून से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर पिछले 48 घंटों से लगातार बारिश होने से गंगा, यमुना सहित सभी नदी-नाले उफान पर आ गये और भूस्खलन से सड़के बाधित हो गयीं जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मौसम विभाग ने अगले 24 घंb; में प्रदेश के 13 में से 11 जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए जलभराव होने तथा बाढ़ का खतरा पैदा होने की चेतावनी जारी की है। बारिश के अलर्ट को देखते हुए प्रदेश के ज्यादातर जिलों में मंगलवार को स्कूल बंद रखे गये।