नई दिल्ली : दिल्ली बार काउंसिल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में कथित टिप्पणियों के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई ‘इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर’ शर्मिष्ठा पनोली की तत्काल रिहाई की सोमवार को मांग की। कोलकाता निवासी एवं पुणे के विधि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली शर्मिष्ठा को 30 मई देर रात हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें कोलकाता की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने इन्फ्लूएंसर को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
काउंसिल के चेयरमैन सूर्य प्रकाश खत्री ने कहा, ‘दिल्ली बार काउंसिल सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा 22 वर्षीय विधि छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किए जाने की घटना की कड़ी निंदा करती है। कुछ लोगों के वीडियो से आहत होने के बाद शर्मिष्ठा ने तुरंत वीडियो को डिलीट कर दिया था और माफी भी मांगी थी, इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया। दिल्ली बार काउंसिल की ओर से मैं शर्मिष्ठा की तत्काल रिहाई की मांग करता हूं।’
खत्री ने आरोप लगाया गया कि कोलकाता पुलिस ने पनोली की गिरफ्तारी मनमाने तरीके से और अनावश्यक जल्दबाजी में की और यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित होकर की गई। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने 1 जून को इसी तरह का एक बयान जारी कर पनोली की तत्काल रिहाई की मांग की थी।
शर्मिष्ठा पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने, जानबूझकर अपमान करने व शांति भंग करने के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।