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SIR के दबाव में मौत : फिर चुनाव आयोग पहुंची टीएमसी

कहा, सीमित समय-सीमा में काम पूरा कर पाना लगभग असंभव

कोलकाता: एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बढ़ती मौतों और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के आरोपों के बीच तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को एक बार फिर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, अरूप विश्वास तथा सासंद बापी मंडल और पार्थ भौमिक सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल से मिले और बताया कि एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद से अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके लिए आयोग जिम्मेदार है।

टीएमसी प्रतिनिधियों ने कहा कि आयोग का पोर्टल लगातार तकनीकी खामियों से जूझ रहा है। उनके अनुसार, साइट बार-बार बंद हो रही है, गलत डेटा दिख रहा है और पूरी प्रक्रिया अस्थिर है। इससे बीएलओ से लेकर आम नागरिक तक सभी पर अत्यधिक दबाव बन रहा है। प्रतिनिधियों का कहना था कि सीमित समय-सीमा में बीएलओ के लिए काम पूरा कर पाना लगभग असंभव हो गया है।

उन्होंने बताया कि कुलपी विधानसभा क्षेत्र में अब तक संशोधित मतदाता सूची प्रकाशित नहीं हुई है और कई जगहों पर 2002–03 के पुराने रिकॉर्ड सामने आ रहे हैं, जिनमें प्रति बूथ 150–200 तक नाम गायब पाए गए हैं। टीएमसी नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि लगभग 2 करोड़ नाम हटाये जाने संबंधी जानकारी एक विशेष राजनीतिक दल को पहले से कैसे मिल गई। पार्टी ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित करने की कोशिश बताया।

टीएमसी की मांगें

* प्रशिक्षण, एसओपी और सहायता प्रणाली तैयार होने तक एसआईआर की समय-सीमा रोकी जाए

* तत्काल हेल्पडेस्क और तकनीकी सहायता टीम गठित की जाए

* बीएलओ को स्पष्ट और लिखित दिशानिर्देश दिए जाएं

* जमीनी परिस्थितियों के अनुसार एसआईआर की समय-सीमा का पुनर्मूल्यांकन किया जाए

* सिस्टम फेल होने की स्थिति में किसी भी बीएलओ पर कार्रवाई न की जाए

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