सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : माकपा ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इकाई के सचिव डी अय्यप्पन ने मंगलवार को सवाल उठाया कि अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (एएनएससीबीएल) द्वारा ऋण स्वीकृत करने में कथित अनियमितताओं पर भाजपा और कांग्रेस चुप क्यों हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन यह सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी थी। अब जब प्रशासन द्वारा प्रबंधन और पूर्व कांग्रेस सांसद कुलदीप राय शर्मा सहित लाभार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, तो स्थानीय भाजपा और कांग्रेस के नेता कोई भी टिप्पणी करने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि पीसीसी अध्यक्ष रंगलाल हलदर और अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित भाजपा और कांग्रेस के नेता चुप क्यों हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई कांग्रेस नेता और समर्थक बैंक ऋण के डिफॉल्टर हैं। उन्होंने कहा कि आरोप लगाया गया था कि 2024 में पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, राज्य सहकारी बैंक ने कुछ फर्जी फर्मों को करोड़ों रुपये के ऋण स्वीकृत किए थे। अय्यप्पन ने कहा कि इस घोटाले में लाभार्थियों की एक लंबी सूची है और इसलिए हमने मांग की है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आईटी) सहित सभी केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी इस मामले की जांच करनी चाहिए ताकि कोई भी जनता का पैसा लूटने के बाद बच न सके। बता दें कि 15 मई को एएनएससीबीएल के अध्यक्ष, एएनएससीबीएल के उपाध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस सांसद कुलदीप राय शर्मा के खिलाफ विभिन्न लोगों को भारी मात्रा में ऋण मंजूर करने में कथित घोर अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एक पुलिस सूत्र ने कहा कि आरोप हैं कि एएनएससीबी की प्रबंध समिति ने ऋण स्क्रीनिंग समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया और ऋण मंजूर करते समय सीआईबीआईएल रिपोर्ट और अनिवार्य दस्तावेजों को नजरअंदाज किया।