नयी दिल्ली : फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म ‘फुले’ को लेकर हो रहे विरोध की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में जातिगत मुद्दों को दर्शाने वाली फिल्मों पर प्रतिबंध क्यों लगाया जाता है ? निर्देशक ने ‘फुले’ में सुझाए गए संशोधनों के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की भी आलोचना की। यह फिल्म पिछले सप्ताह रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसे 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा। फिल्म का ट्रेलर 10 अप्रैल को ऑनलाइन जारी किया गया था, जिसके बाद ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई कि इसमें उनकी गलत छवि पेश की गयी है। ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट में कश्यप ने सवाल किया,‘अगर जातिवाद इस देश में मौजूद नहीं है तो फिर फुले दंपति को उसके खिलाफ संघर्ष क्यों करना पड़ा?’ फिल्म को 7 अप्रैल को ‘यू’ सर्टिफिकेट मिला था, लेकिन सेंसर बोर्ड ने कई बदलाव सुझाए हैं।