वेटनरी डिप्लोमा की अनिवार्यता से द्वीपवासी परेशान
स्थानीय सांसद की चुप्पी पर कांग्रेस ने जताई नाराजगी
सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग में हाल ही में की गई वेटनरी कंपाउंडर भर्ती को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है और इसे स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय करार दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने बताया कि चयनित 45 अभ्यर्थियों में से केवल तीन अभ्यर्थी अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के हैं, जबकि शेष 42 अभ्यर्थी मुख्य भूमि से हैं। कांग्रेस ने इस परिणाम को अत्यंत अन्यायपूर्ण बताते हुए भर्ती नियमों (आरआर) में अचानक किए गए बदलाव पर सवाल उठाया। पार्टी का कहना है कि संशोधित नियमों के तहत वेटनरी डिप्लोमा को अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि इस प्रकार का कोई भी डिप्लोमा पाठ्यक्रम द्वीपसमूह के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में उपलब्ध नहीं है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भर्ती नियमों में किया गया यह संशोधन स्थानीय छात्रों को पर्याप्त सूचना या तैयारी का समय दिए बिना लागू कर दिया गया। उनका कहना है कि प्रशासन को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले कम से कम दो वर्ष का समय देना चाहिए था, ताकि द्वीपों के छात्र मुख्य भूमि में जाकर आवश्यक डिप्लोमा कर सकें। पार्टी ने इस मुद्दे पर स्थानीय सांसद की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और प्रशासन पर द्वीपवासियों के रोजगार अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया। कांग्रेस नेताओं ने चयन सूची को तत्काल रद्द करने, नियुक्तियों पर अस्थायी रोक लगाने तथा सीमित रोजगार अवसरों का हवाला देते हुए स्थानीय युवाओं के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग की। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो पार्टी अंडमान एवं निकोबार के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी।