जितेंद्र, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : टीचरों की नियुक्ति के मामले में हाई कोर्ट ने 2016 और 2019 के रुल्स की एक तुलनात्मक रिपोर्ट तलब की है। यहां गौरतलब है कि इन्हीं रूल्स के आधार पर टीचरों की नियुक्ति की जाती है। अनुभव के आधार पर दस नंबर दिए जाने को लेकर दायर मामले की शुक्रवार को सुनवायी करते हुए जस्टिस अमृता सिन्हा ने यह आदेश दिया। यह रिपोर्ट अगली सुनवायी के दिन दाखिल करनी पड़ेगी।
यहां गौरतलब है कि इस मामले में 2025 के रूल्स की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। 2025 की नियुक्ति प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले योग्य टीचरों को प्रत्येक वर्ष के अनुभव के लिए दो नंबर दिए जाने का फैसला लिया गया है। इसे चुनौती देते हुए कहा गया है कि इससे संविधान की धारा 14 का उल्लंघन हुआ है। प्रति वर्ष के आधार पर दस नंबर दिए जाने के पक्ष में पैरवी करते हुए एडवोकेट प्रतीक धर की दलील थी कि इसके बावजूद फ्रेशर मजबूत स्थिति में रहेंगे। योग्य टीचरों को दो नंबर दिए जाने के मुकाबले में उन्हें लिखित परीक्षा में दो नंबर अतिरिक्त हासिल करना पड़ेगा। यह उनके लिए बहुत मुश्किल नहीं होगा। उन्होंने अंकगणित के एक फार्मूले का हवाला देते हुए कहा कि फ्रेशर योग्य टीचरों के मुकाबले छह गुणा मजबूत स्थिति में हैं। इसकी अगली सुनवायी नौ दिसंबर को होगी।