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नागरिकता के डर से आत्महत्या का दावा: मृतक प्रदीप कर के परिवार ने दर्ज कराई FIR

केंद्र सरकार पर 'डर का माहौल' बनाने का आरोप निष्पक्ष जाँच की मांग; सुसाइड नोट की होगी फॉरेंसिक जाँच

निधि, सन्मार्ग संवाददाता

पानीहाटी : आगरपाड़ा निवासी 57 वर्षीय प्रदीप कर की कथित आत्महत्या को लेकर राजनीतिक घमासान के बीच, अब मृतक के परिवार ने औपचारिक रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है। परिवार का दृढ़ दावा है कि प्रदीप कर ने केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के डर और इस कारण पैदा हुए गहन मानसिक तनाव के चलते ही यह भयानक कदम उठाया।

परिवार का दावा और आरोप

मृतक के भाई तपन कर और भाभी मौसमी कर ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि एनआरसी को लेकर इलाके में जो भय का माहौल बना हुआ है, उसने प्रदीप कर को इस हद तक डरा दिया था कि उन्हें हर पल अपनी नागरिकता खोने का भय सता रहा था। परिवार के अनुसार, इसी भय और अनिश्चितता ने उन्हें आत्महत्या के लिए विवश किया।

खड़दह थाने में FIR दर्ज

प्रदीप कर को न्याय दिलाने की मांग करते हुए, उनकी भाभी मौसमी कर ने खड़दह थाने में एक लिखित एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है। इस शिकायत में उन्होंने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है। मौसमी कर ने अपनी शिकायत में लिखा है: "केंद्र सरकार एनआरसी के नाम पर डर का माहौल बना रही है।"

इसके अतिरिक्त, परिवार ने अपनी शिकायत में किसी अज्ञात शख्स (Unknown Person) के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (Abetment to Suicide) का भी आरोप लगाते हुए गहन जाँच की मांग की है।

निष्पक्ष जाँच की मांग

मौसमी कर ने अपने देवर (प्रदीप कर) की मौत के पीछे के वास्तविक कारणों की निष्पक्ष और गहन जाँच की मांग की है। परिवार का कहना है कि वे चाहते हैं कि पुलिस जाँच करे ताकि यह तथ्य पूरी तरह से स्थापित हो सके कि केंद्र की नीतियों और एनआरसी के भय से उपजे आतंक ने ही प्रदीप कर को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया। परिवार का मानना है कि केवल निष्पक्ष जाँच से ही उन्हें न्याय मिल सकता है।

पुलिस करेगी सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जाँच

इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, पुलिस भी गंभीरता से जाँच में जुटी हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट की अब फॉरेंसिक जाँच कराई जाएगी। फॉरेंसिक जाँच से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि नोट प्रदीप कर द्वारा ही लिखा गया था और उसमें लिखी बातें विश्वसनीय हैं। पुलिस का कहना है कि जाँच में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी और सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा।

प्रदीप कर की मौत और इस पर परिवार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर ने अब इस मुद्दे को केवल राजनीतिक विवाद तक सीमित न रखकर, कानूनी और न्यायिक जाँच के दायरे में भी ला दिया है।

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