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चिंचुला और सिंघानिया चाय बागान से दो तेंदुए पिंजरे में कैद

आतंक से श्रमिकों को मिली रहत

सन्मार्ग संवाददाता

कालचीनी : डुआर्स के चाय बागानों से मंगलवार को दो तेंदुए को पिंजरे में कैद किया गया। अलीपुरदुआर जिले के चिंचुला और सिंघानिया दो अलग-अलग चाय बागानों से दो तेंदुए को पिंजरे में कैद किया गया। इसके चलते दोनों चाय बागान के आतंकित श्रमिकों ने थोड़ी राहत की सांस की। मंगलवार तड़के सुबह अलीपुरदुआर जिले के चिंचुला और सिंघानिया दोनों चाय बागान में पिंजरे में फंसा तेंदुआ को देख पूरे बागान में खलबली मच गई। तेंदुए को देखने के लिए घटना स्थल पर काफी लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। खबर पाकर घटनास्थल चिंचुला चाय बागान में बक्सा टाइगर रिजर्व के रेंज की टीम और सिंघानिया चाय बागान में दलगांव रेंज वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और तेंदुआ को बरामद कर ले गई। वन विभाग के मुताबिक बरामद तेंदुआ पूर्ण वयस्क तेंदुआ के रूप में बताया गया है और प्राथमिक उपचार के बाद दोनों तेंदुआ को घने जंगल में छोड़ दिया जायेगा। इस विषय पर चाय बागान के श्रमिकों ने कहा कि हमारे चाय बागान में लंबे समय से तेंदुआ का उत्पात चल रहा है, काफी डर-डरकर हमलोग बागानों में काम करते हैं, आए दिन किसी न किसी क्षेत्र में तेंदुआ श्रमिक के ऊपर हमला कर देता है। यह समस्या लंबे समय से चल रही है, इस दिन बागान में एक तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ है, इससे हमें थोड़ी बहुत राहत महसूस हो रही है, लेकिन डर अभी भी बना हुआ है क्योंकि बागान में और कितने तेंदुआ है यह किसी को पता नहीं है। मालूम हो कि उत्तर बंगाल का चाय बागान अब तेंदुआ के निवास स्थान के रूप में तब्दील हो गया है। इसके चलते चाय बागान श्रमिकों को एक गंभीर संघर्ष झेलनी पड़ती है। आए-दिन चाय बनाने में काम करते वक्त तेंदुआ श्रमिकों के ऊपर हमला कर देता है, जान हथेली पर लेकर श्रमिकों को काम करनी पड़ती है। सिर्फ यह ही नहीं, रात के वक्त भी शिकार की तलाश में चाय बागान से निकलकर तेंदुआ चाय बागान के श्रमिक मोहल्ले में घुस जाता है और श्रमिकों के पालतू पशुओं के ऊपर हमला करता है। इन दिनों ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। पर्यावरण प्रेमियों का अनुमान है कि चाय बागानों में तेंदुए की संख्या बढ़ने से संघर्ष के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि वन विभाग के और से भी स्थिति पर नजर रखी जा रही है एवं तेंदुए की उपस्थिति की खबर मिलते ही चाय बागानों में पिंजरा लगाकर तेंदुआ को पकड़ने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि चाय बागान के श्रमिक वर्गों का कहना है कि तेंदुए के उत्पात के चलते बागानों में उनका काम करना मुश्किल हो गया है। काम करते वक्त जब कभी भी तेंदुआ श्रमिकों को झपट रहा है। किसी भी हाल में दहशत की स्थिति काम नहीं हो रही है। श्रमिकों का कहना है किसको लेकर कोई विशेष कदम उठाने की आवश्यकता हैं।

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