नई दिल्ली - चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन के पीछे मुख्य विचार धन उत्पन्न करना और अप्रयुक्त क्षमता वाले क्षेत्रों में क्रिकेट को बढ़ावा देना था। 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के रूप में अपनी शुरुआत के बाद से चैंपियंस ट्रॉफी उम्मीदों पर खरी उतरी। पिछले कुछ वर्षों में, इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट ने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है और दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए कुछ सबसे रोमांचक क्षण प्रदान किए हैं।
Bangladesh में आयोजित किया गया था पहला संस्करण
चैंपियंस ट्रॉफी का सबसे पहला संस्करण बांग्लादेश में आयोजित किया गया था। इससे बांग्लादेश क्रिकेट पर बड़ा प्रभाव पड़ा। इस टूर्नामेंट की वजह से बांग्लादेश की टीम वैश्विक सुर्खियों में आ गई थी। इस टूर्नामेंट ने बांग्लादेश को एशियाई क्रिकेट में एक उभरते दावेदार के रूप में स्थापित करने में मदद की। इसका सबसे बड़ा उदाहरण था 2007 का क्रिकेट विश्व कप। इस विश्व कप में बांग्लादेश ने भारत के खिलाफ शानदार जीत हासिल की थी। भारत की हार की वजह से खजब का उलटफेर देखने को मिला और भारत टूर्नामेंट से जल्दी बाहर हो गया।
क्या हुआ था 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में ?
भारत ने दो बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती है। एक बार 2002 में और दूसरी बारी 2013 में। लोगों को 2002 के चैंपियंस ट्रॉफी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। चैंपियंस ट्रॉफी के उस संस्करण में फाइनल दो बार खेला गया। दो फाइनल खेले जाने के बाद भी मैच का कोई एक विजेता नहीं निकला। इस वजह से भारत को मेजबान श्रीलंका के साथ इस खिताब को साझा करना पड़ा।
क्यो हुआ ऐसा ?
चैंपियंस ट्रॉफी के उस संस्करण में यह टूर्नामेंट 18 दिनों तक चला जिसमें 12 टीमों ने भाग लिया था। पहला फाइनल 29 सितंबर 2002 को खेला गया। पहले फाइनल में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 244 रन बनाए। भारत को जीत के लिए 50 ओवर में 245 रन बनाने थे। भारत जब बल्लेबाजी करने उतरा तो दो ओवर के बाद ही बारिश ने खेल में खलल डाल दी।
मैच को बारिश के कारण पुनर्निर्धारित कर दिया गया। इस बार 30 सितंबर का दिन चुना गया। इस बार सब कुछ शुरुआत से शुरू किया गया। श्रीलंका ने फिर से पहले बल्लेबाजी की और 50 ओवर में 222 रन बनाए। इस बार भारत को जीत के लिए 223 रन बनाने थे। पर एक बार फिर वही हुआ। भारत ने अभी 38 ही रन बनाए थे कि एक बार फिर बारिश शुरू हो गई। दोनों ही दिन मैच का कोई नतीजा नहीं निकल सका। इसी वजह से ट्रॉफी दोनों टीमों के बीच बांट दी गई।
काफ विवादीत था Champions Trophy 2002
इस टूर्नामेंट में ना तो 'मैन ऑफ द मैच' ना ही 'मैन ऑफ द सीरीज' पुरस्कार दिया गया। इस वजह से यह टूर्नामेंट काफी विवाद में रहा। टूर्नामेंट के प्रबंधन पर कई सवाल उठाए गए। कई आलोचकों ने मानसून सीज़न के दौरान कार्यक्रम के शेड्यूल पर सवाल उठाया, जबकि अन्य ने महसूस किया कि नीदरलैंड सहित 12 टीमों को शामिल करने से प्रतिस्पर्धा कमजोर हो गई। इन सब वजहों से 2002 चैंपियंस ट्रॉफी को क्रिकेट के खेल के लिए कम और विवादों के लिए अधिक याद किया जाता है।