नई दिल्ली - बद्रीनाथ-माणा क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान दोबारा शुरू किया गया है। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन प्रभावित इलाकों में रविवार को तलाशी अभियान के तहत एक Mi-17 हेलीकॉप्टर तैनात किया जाएगा, जो ड्रोन-आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को एयरलिफ्ट करने के लिए तैयार है।
जोशीमठ के माना गांव के पास 28 फरवरी को बीआरओ कैंप में हुए हिमस्खलन के बाद से ही वायुसेना के चीता हेलीकॉप्टर शनिवार से चमोली के माना क्षेत्र में बचाव अभियान में जुटे हुए हैं।
चार लोग अभी भी लापता
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मौसम अनुकूल रहने से बचाव कार्य में मदद मिली है। हिमस्खलन में कुल 58 बीआरओ कर्मचारी लापता हुए थे, जिनमें से 50 को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि चार की मौत हो गई है। अभी भी चार लोग लापता हैं, और उनकी तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें खोज लिया जाएगा। घायल बीआरओ कर्मियों को बेहतर इलाज के लिए जोशीमठ आर्मी अस्पताल में एयरलिफ्ट किया जा रहा है।
सीएम ने लिया जायजा
रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चमोली के माना में बीआरओ कर्मियों के बचाव अभियान की प्रगति की समीक्षा करने पहुंचे। यह अभियान लगातार दूसरे दिन जारी रहा, और मुख्यमंत्री ने देहरादून के आईटी पार्क स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में इसकी स्थिति का जायजा लिया।
विशेष उपकरणों के साथ टीम खोज रही है लोगों को
हिमस्खलन में फंसे शेष कर्मियों की खोज के लिए आज एसडीआरएफ की एक टीम विशेष उपकरणों के साथ रवाना हुई। पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, रिधिम अग्रवाल के निर्देश पर, माणा में लापता कर्मियों की तलाश के लिए सहस्त्रधारा से एक विशेषज्ञ टीम को हेलीकॉप्टर के जरिए घटनास्थल पर भेजा गया है। यह टीम पीड़ित लोकेटिंग कैमरा (VLC) और थर्मल इमेज कैमरा का उपयोग करके बचाव अभियान में जुटी है, जिससे बर्फ में दबे लोगों को खोजने में मदद मिलेगी।
सरकार ने की विस्तृत रिपोर्ट जारी
उत्तराखंड सरकार ने 28 फरवरी 2025 को जोशीमठ के माणा गेट स्थित बीआरओ कैंप के पास हुए हिमस्खलन पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बचाए गए लोगों को एयरलिफ्ट कर जोशीमठ लाया गया है, जहां आर्मी अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है। राहत कार्यों में सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन सेवाओं सहित विभिन्न आपदा प्रबंधन बलों के करीब 200 कर्मी जुटे हुए हैं।