कोलकाता: उत्तर कोलकाता की प्रतिष्ठित चलताबागान सार्वजनीन दुर्गा पूजा समिति ने इस वर्ष ‘विश्व बांग्ला शारद सम्मान’ में 'सर्वश्रेष्ठ थीम विचार' श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया। इस वर्ष पूजा का थीम है 'मैं बांग्ला में बोलता हूँ', जो बांग्ला भाषा की गरिमा और अस्मिता को समर्पित है।
देशभर में बांग्ला भाषा को लेकर चल रहे विवादों के बीच यह पूजा एक सांस्कृतिक प्रतिरोध और आत्मसम्मान का प्रतीक बनकर उभरी। पूजा के कलाकार प्रदीप्त कर्मकार ने बताया कि यह विचार पिछले साल नवंबर में ही आया था। डीएल राय स्ट्रीट स्थित इस पूजा स्थल के पास ही देशभक्त द्विजेन्द्रलाल राय, स्वामी विवेकानंद और रवीन्द्रनाथ ठाकुर की यादें जुड़ी हैं, जिन्होंने इस विचार को और भी प्रासंगिक बना दिया।
मंडप की संरचना से लेकर प्रतिमा की अभिव्यक्ति तक हर पहलू में बांग्ला भाषा और संस्कृति की झलक दिखी। आयोजकों का मानना है कि दुर्गोत्सव सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अस्मिता की अभिव्यक्ति भी है। पुरस्कार पाने वाले 17 पूजा कमेटियों में चलताबागान की पूजा भी प्रमुख रही, जिसने अपनी मौलिक सोच और सामाजिक संदेश से सबका मन जीत लिया।