केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय ने अनमैप्ड मतदाताओं को लेकर बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। 29 दिसंबर को जारी आदेश में माना गया है कि 2002 की इलेक्टोरल रोल को डिजिटल फॉर्मेट में बदलने के दौरान हुई तकनीकी त्रुटियों के कारण भारी संख्या में मतदाता BLO ऐप में अनमैप्ड दिखाई दे रहे हैं। ऐसे मामलों में आम मतदाताओं को व्यक्तिगत सुनवाई से राहत देने और वैकल्पिक सत्यापन प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। मालूम हो कि सन्मार्ग ने 28 दिसंबर के अंक में छापा था कि 2002 की मतदाता सूची से जुड़े 1.33 करोड़ वोटरों को सुनवाई में नहीं बुलाया जाएगा। इस संबंध में CEO कार्यालय ने सोमवार को एक नोटिस जारी कर सभी डीईओ को अनमैप्ड वोटर्स को हियरिंग नोटिस जारी नहीं करने का निर्देश दिया है।
2002 की इलेक्टोरल रोल बनी वजह
सीईओ कार्यालय के अनुसार, 2002 की इलेक्टोरल रोल जो बंगाल में अंतिम SIR थी—के PDF डेटा को CSV में बदलते समय हुई गलतियों के कारण कई मतदाताओं का BLO ऐप से लिंकेज नहीं हो पाया। हालांकि, इन मतदाताओं के नाम 2002 की हार्ड कॉपी में स्वयं या उनके परिजनों के नाम से दर्ज है।
DEO द्वारा प्रमाणित सूची को मान्यता
आदेश में कहा गया है कि जिन मतदाताओं की हार्ड कॉपी से मैपिंग जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) द्वारा प्रमाणित है और जो CEO, वेस्ट बंगाल की वेबसाइट पर प्रकाशित है, उन्हें वैध माना जाएगा। जिन जिलों ने अब तक यह सूची नहीं भेजी है, उन्हें शीघ्र ऑथेंटिकेटेड कॉपी जमा करने को कहा गया है।
व्यक्तिगत सुनवाई से छूट
जिन मतदाताओं की 2002 की रोल से मैपिंग प्रमाणित हो चुकी है, उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नहीं बुलाया जाएगा। यदि सिस्टम से नोटिस जारी हो चुकी हो, तो BLO फोन कर उन्हें उपस्थित नहीं होने की सूचना दे सकते हैं।
हियरिंग नोटिस सर्व नहीं करने का निर्देश
सीईओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में जारी हियरिंग नोटिस सर्व नहीं की जाएगी और उन्हें ERO/AERO के पास सुरक्षित रखा जाएगा।
वैकल्पिक सत्यापन प्रक्रिया
निर्देशों के मुताबिक, 2002 की इलेक्टोरल रोल का एक्सट्रैक्ट संबंधित DEO को सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। सत्यापन के बाद ERO/AERO दस्तावेज अपलोड कर मामलों का निपटारा कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर BLO को फील्ड में भेजकर मतदाता के साथ फोटो लेकर हार्ड कॉपी एक्सट्रैक्ट के साथ अपलोड किया जाएगा।
गड़बड़ी पर फिर सुनवाई
यदि बाद में जांच में 2002 की हार्ड कॉपी या शिकायतों के आधार पर गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित मतदाता को नोटिस देकर सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है।
85 वर्ष से अधिक उम्र वालों को राहत
85 वर्ष या उससे अधिक उम्र के, गंभीर रूप से बीमार, दिव्यांग (PWD) या विशेष अनुरोध करने वाले मतदाताओं को सुनवाई के लिए नहीं बुलाया जाएगा। ऐसे मामलों में फोन पर सूचना देकर घर पर ही सत्यापन किया जाएगा।
तकनीकी गलती, मतदाता दोषी नहीं
आदेश में साफ संकेत दिया गया है कि अनमैप्ड होने के पीछे मतदाताओं की नहीं, बल्कि डेटा रूपांतरण की तकनीकी खामी है, इसलिए मानवीय और व्यावहारिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी।