कैब से ट्रॉली निकालते घोला थाना की पुलिस  
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8 लाख रुपये के लिए कपड़ा व्यवसायी की हत्या, दो गिरफ्तार

ट्रॉली बैग में शव ठिकाने लगाने की कोशिश

कोलकाता: अहिरीटोला घाट पर ट्रॉली में शव बरामद किए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि मंगलवार देर रात उत्तर 24 परगना के घोला थाना क्षेत्र के कल्याणी एक्सप्रेसवे पर एक ट्रॉली बैग में कपड़ा व्यवसायी का शव बरामद किया गया। मृतक का नाम भागाराम देवासी (36) है। वह बड़ाबाजार में कपड़ों का व्यवसाय करता था। वह मूल रूप से राजस्थान के सिरोही जिले का निवासी था। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों कृष्णपाल सिंह (19) और करण सिंह (25) को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित भी बड़ाबाजार में कपड़ों का व्यवसाय करते हैं और राजस्थान के पाली जिले के निवासी हैं। बुधवार को दोनों आरोपितों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

क्या है पूरा मामला :

जांच में सामने आया है कि कृष्णपाल और करण सिंह का भागाराम से व्यावसायिक लेन-देन था। भागाराम ने इन दोनों से लगभग 8 लाख रुपये उधार लिए थे, लेकिन वह पैसे लौटाने में लगातार टालमटोल कर रहा था। इस लेनदारी को लेकर कृष्णपाल और करण का कई बार भागाराम से विवाद भी हुआ था। जब कृष्णपाल और करण को अपने पैसे वापस मिलने की उम्मीद नहीं दिखी, तो उन्होंने भागाराम की हत्या की साजिश रची। मंगलवार को दोनों ने भागाराम को मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट स्थित अपने किराए के घर पर बुलाया। आरोप है कि अभियुक्तों ने भागाराम की चाय में नशीली दवा मिलाकर उसे पिला दी। चाय पीते ही वह बेहोश हो गया। इसके बाद अभियुक्तों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। आरोप है कि मौत सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मृतक के गले पर धारदार हथियार से वार भी किया। हत्या के सबूत मिटाने के लिए उन्होंने शव और हथियार को एक ट्रॉली बैग में भरा और रात करीब 7:30 बजे पीली टैक्सी पकड़कर शव को ठिकाने लगाने के लिए नागेरबाजार ऑटो स्टैंड की ओर रवाना हुए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कृष्णपाल पहले नागेरबाजार पहुंचा, जबकि करण दूसरी टैक्सी से वहां रात करीब 9 बजे पहुंचा। यहां से दोनों ने एक ऐप कैब बुक की और शव को डिक्की में रखकर रवाना हो गए। उनकी योजना किसी सुनसान इलाके में ट्रॉली बैग को फेंककर भाग जाने की थी। कुछ दूर जाकर उन्होंने एक और ऐप कैब बुक की और कल्याणी एक्सप्रेसवे की ओर निकल पड़े।

ऐप कैब ड्राइवर ने पुलिस को 100 डायल कर दी थी जानकारी

कैब बदलने के दौरान जब कृष्णपाल और करण डिक्की से ट्रॉली निकाल रहे थे, तो कैब के ड्राइवर को उन पर संदेह हुआ। कैब ड्राइवर राहुल अधिकारी ने जब उनसे ट्रॉली बैग के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। ड्राइवर ने फौरन 100 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दे दी। सूचना मिलते ही घोला थाना की पुलिस कैब के नंबर से उसकी लोकेशन ट्रेस कर मौके पर पहुंची। पुलिस ने जब ऐप कैब की डिक्की से ट्रॉली बैग बरामद कर खोला, तो उसमें सेलोटेप से लिपटा हुआ एक बोरा मिला। बोरे को खोलने पर एक व्यक्ति का शव मिला, जिसके मुंह पर सेलोटेप और गले पर गहरे चोट के निशान थे। बैग से 65 हजार रुपये, एक धारदार हथियार और एक कपड़ा भी बरामद हुआ। पुलिस को देखते ही कृष्णपाल मौके से फरार हो गया, लेकिन करण को गिरफ्तार कर लिया गया। करण से पूछताछ के दौरान पुलिस को उसके मोबाइल फोन से कृष्णपाल का नंबर मिला। पुलिस ने टॉवर लोकेशन ट्रैक कर कृष्णपाल का ठिकाना पता लगाया। बुधवार को तड़के घोला थाना की पुलिस मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट स्थित फ्लैट पर पहुंची और कृष्णपाल को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल, पुलिस हत्या से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस का अनुमान है कि हत्या पूर्व नियोजित तरीके से की गई है और शव को ठिकाने लगाने की पूरी योजना पहले से बनाई गई थी।

कैब ड्राइवर की सूझबूझ से हुआ भंडाफोड़

कैब ड्राइवर राहुल अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले कुम्हारटोली में एक महिला का शव भी इसी तरह ट्रॉली बैग में मिला था। इसलिए जब उसने यात्रियों के बैग को लेकर सवाल किया, तो उसे कोई जवाब नहीं मिला। जब उसने जोर देकर बैग के बारे में पूछा, तो दोनों आरोपित डर गए और उसे चुप रहने के लिए अतिरिक्त पैसे देने का लालच देने लगे। ड्राइवर की सतर्कता और त्वरित सूचना से यह हत्याकांड उजागर हुआ और पुलिस आरोपितों तक पहुंच सकी।

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