कोलकाता : रविवार 7 सितंबर की रात पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। यह दुर्लभ खगोलीय घटना रात 8:58 बजे शुरू होगी और सोमवार की मध्यरात्रि 2:25 बजे समाप्त होगी। रात 11 बजे से 12:22 बजे तक चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में रहेगा, जब वह तांबे-लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे आमतौर पर ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।
यह पूर्ण चंद्रग्रहण 2022 के बाद से अब तक का सबसे लंबा है, जो 1 घंटा 22 मिनट तक चलेगा। चंद्रमा क्षितिज से ऊपर होगा, जिससे यह नजारा साफ दिखाई देगा, बशर्ते बादल और बारिश बाधा न डालें।
2022 में दिखा था चंद्रग्रहण
भारत में आखिरी बार पूर्ण चंद्रग्रहण 8 नवंबर, 2022 को देखा गया था। अगला ऐसा अवसर 31 दिसंबर, 2028 को आएगा, इसलिए यह घटना खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए एक सुनहरा मौका है। महानगरवासियों से अपील की गई है कि वे खुली जगहों से बिना रोशनी के क्षेत्रों में इस दृश्य का आनंद लें। चाहे नंगी आंखों से देखें या दूरबीन से।
क्या होता है ब्लड मून?
जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा की सतह पर सीधी धूप नहीं पहुंच पाती है। तब पूरी तरह से अंधेरा होने के बजाय चंद्रमा गहरे लाल या तांबे जैसे रंग का हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है। यह प्रकाश को मोड़ देता है।
तब वायुमंडल नीले प्रकाश को छानकर उसे बिखेर देता है। इससे लाल और नारंगी रंग पीछे रह जाते हैं, जो चंद्रमा को एक चमक देते हैं। यह घटना चंद्रग्रहण को अनोखा और देखने में अद्भुत बनाती है, जो सूर्यग्रहण से बिल्कुल अलग है।
खास बात यह है कि जहां सूर्यग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मे की जरूरत होती है, वहीं ब्लड मून के लिए किसी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती है। इसे आप नंगी आंखों से आराम से देख सकते हैं।