बिहार चुनाव के दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर दोपहर एक बजे तक ही मतदान का आंकड़ा 47 फीसदी के पार पहुंच चुका है। एक बजे तक 47.62% वोटिंग हुई है और पहले चरण में एक बजे तक 42.31% मतदान हुआ था।
बीजेपी ने आरजेडी के बयान को सोशल मीडिया 'एक्स' पर जवाब देते हुए लिखा कि सामने दिख रही बुरी हार से बिलबिलाये RJD वालों का माथा हिल गया है। सच्चाई ये है NDA में सब-सबको वोट कर रहा है, लेकिन ललटेनिया को कोई वोट नहीं कर रहा है। इसलिए अब अफवाह और अराजकता फैलाकर हार को स्वीकार कर लिया।
दूसरे चरण के चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि BJP-LJP वाले JDU को वोट नहीं डलवा रहे हैं और JDU वाले BJP-LJP को वोट नहीं डलवा रहे! इस बात से BJP, LJP या JDU के किसी भी नेता ने पूरे चुनाव में कभी भी इंकार किया? इसका जवाब बीजेपी ने भी दिया...
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार सुबह नौ बजे तक राज्य में कुल 14.55 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, नौ बजे तक गया में सबसे अधिक 15.97 प्रतिशत और मधुबनी में सबसे कम 13.25 प्रतिशत मतदान हुआ। पश्चिम चंपारण, पूर्णिया और किशनगंज समेत कई अन्य जिलों में भी मतदान प्रतिशत 15 से अधिक रहा।
पश्चिम चंपारण में 15.04 प्रतिशत, पूर्णिया में 15.54 प्रतिशत, किशनगंज में 15.81 प्रतिशत, गया में 15.97 प्रतिशत और जमुई में 15.77 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल मतदान प्रतिशत नौ बजे तक 14.55 प्रतिशत रहा। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में सुबह नौ बजे तक कुल 13.13 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस चरण में 122 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार सुबह 122 सीट के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम पांच बजे तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत करें और इस चरण में रिकॉर्ड मतदान दर्ज कराएं।
इस अंतिम चरण के तहत 20 जिलों में मतदान हो रहा है। इस चरण में कुल 1,302 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 136 महिलाएं और एक तृतीय लिंग का प्रत्याशी शामिल हैं। इन सीटों में मध्य, पश्चिमी और उत्तर बिहार के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र आते हैं। करीब 3.7 करोड़ मतदाता, जिनमें 1.95 करोड़ पुरुष और 1.74 करोड़ महिलाएं शामिल हैं, 45,399 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। यह बिहार के चुनावी इतिहास में किसी एक चरण में स्थापित किए गए मतदान केंद्रों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्थाएं की हैं। अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती संवेदनशील इलाकों में की गई है, वहीं भारत-नेपाल सीमा पर कई स्थानों को सील कर दिया गया है ताकि अवैध आवाजाही पर रोक लगाई जा सके और मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हो सके। राज्य पुलिस सूत्रों के अनुसार, लगभग 8,491 मतदान केंद्रों को संवेदनशील चिह्नित किया गया है, जहां सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती और विशेष निगरानी रहेगी।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 500 कंपनियां (करीब 50,000 जवान) पहले से बिहार में तैनात थीं, जबकि चुनाव से पहले 500 और कंपनियों को राज्य में भेजा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार पुलिस के 60,000 से अधिक जवानों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया गया है। इसके अलावा, अन्य राज्यों से आए 2,000 रिज़र्व बटालियन कर्मी, बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस के 30,000 जवान, 20,000 से अधिक होमगार्ड्स, प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लगभग 19,000 नए कांस्टेबल, और करीब 1.5 लाख चौकीदारों को भी दोनों चरणों की ड्यूटी में लगाया गया है।
संवेदनशील केंद्रों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी बूथ समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि गया जिले में सर्वाधिक 1,084 संवेदनशील मतदान स्थल हैं, इसके बाद औरंगाबाद में 942, रोहतास में 827, नवादा में 690, बांका में 613, भागलपुर में 574, बेतिया में 526, अररिया में 518, सुपौल में 406, बगहा में 368, जमुई में 357, भभुआ में 325, अरवल में 315, जहानाबाद में 287 और मधुबनी में 282 मतदान केंद्र संवेदनशील हैं।
Bihar Election Phase 2 Live: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 122 सीटों पर 11 नवंबर 2025, मंगलवार को मतदान हो रहे हैं। इस चरम में राज्य के 20 जिलों में वोटिंग चल रही है। एक अधिकारी के मुताबिक मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और यह शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। इस चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के कई मंत्रियों सहित 1,302 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य तय होगा। इसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के छोटे सहयोगी दलों- केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की अगुवाई वाली हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के लिए भी शक्ति परीक्षण के रूप में देखा जा रहा है।